जम्मू कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन पर सख्त प्रहार करते हुये प्रदेश पुलिस ने बुधवार को बताया कि कश्मीरी छात्रों को पाकिस्तानी एमबीबीएस सीट च्च्बेचने तथा इस धन का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करने के आरोप में चार अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से कुछ हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े हैं । एक सरकारी प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी।
प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस के सीआईडी विभाग के काउंटर इंटेलिजेंस (कश्मीर) ने पिछले साल जुलाई में एक मामला दर्ज किया था । पुलिस को उसके विश्वस्त सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि हुर्रियत नेताओं समेत कुछ लोग शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से पाकिस्तानी एमबीबीएस सीट बेच रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच की गयी तो पता चला कि छात्रों के माता पिता से प्राप्त धन का इस्तेमाल अलग अलग तरीकों से अलगाववाद और आतंकवाद को बढावा देने के लिये किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम एवं धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया । उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला कि एमबीबीएस और अन्य व्यवसायिक डिग्री की सीटें खास तौर से मारे गये आतंकवादियों के करीबी रिश्तेदारों और परिजनों को दी जाती थी ।
प्रवक्ता के अनुसार ऐसे मामले भी सामने आये जहां अलग-अलग हुर्रियत नेताओं को आवंटित कोटा उन माता-पिता को बेच दिया गया जो चाहते थे कि उनके बच्चे किसी न किसी तरह से एमबीबीएस अथवा अन्य व्यवसायिक डिग्री प्राप्त करें । शैक्षिक सत्र 2014-18 के बीच 80 से अधिक मामलों का अध्ययन किया गया जिसमें या तो छात्रों की अथवा उनके माता पिता की जांच की गयी । उन्होंने बताया कि सीटों के बदले वसूले जाने पर धन और उसके आगे के इस्तेमाल संबंधी साक्ष्य एकत्र करने के लिये घाटी में करीब एक दर्जन परिसरों में छापेमारी की गयी ।
डिजिटल रिकॉर्ड और कागजी रसीदों के साथ-साथ बैंक लेनदेन से संबंधित रिकॉर्ड के विश्लेषण से पता चला कि इस धन का एक बड़ा हिस्सा निजी इस्तेमाल के लिए अलग रखा गया था। प्रवक्ता ने बताया कि “जांच के दौरान यह साक्ष्य भी मिला कि इस धन को उन चैनलों में डाला गया था जो आतंकवाद और अलगाववाद से संबंधित कार्यक्रमों और परियोजनाओं को बढावा देते हैं । उदाहरण स्वरूप, पथराव करने के लिये किये जा रहे भुगतान का भी रिकॉर्ड सामने आया है ।”