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    Home»ताजा खबरें»Punjab Congress Crisis: मानने के मूड में नहीं नवजोत सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चन्नी बातचीत के लिए तैयार
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    Punjab Congress Crisis: मानने के मूड में नहीं नवजोत सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चन्नी बातचीत के लिए तैयार

    sonu kumarBy sonu kumarSeptember 30, 2021No Comments3 Mins Read
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    नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के पीपीसीसी प्रमुख (PCC Cheif) के पद से इस्तीफा देने से पंजाब कांग्रेस में एक नया संकट पैदा होने के एक दिन बाद पार्टी नेतृत्व ने उन्हें शांत करने की कोशिशें शुरू की, लेकिन सिद्धू पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. कांग्रेस ने अपने केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश चौधरी को पार्टी नेताओं से बात करने और संकट को सुलझाने के लिए बुधवार को चंडीगढ़ भेजा, लेकिन सिद्धू चंडीगढ़ नहीं आए. वह पटियाला के अपने आवास में ही रहे. उन्होंने अपने करीबियों की सलाह नहीं मानी और इस्तीफा वापस नहीं लिया. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्होंने सिद्धू को फोन किया और बातचीत के लिए आमंत्रित किया.

    चन्नी ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष (प्रदेश अध्यक्ष) परिवार का मुखिया होता है, उसे परिवार के भीतर के मामलों पर बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि मैंने सिद्धू साहब से बातचीत की और उन्हें चर्चा के लिए आमंत्रित किया. मैंने उनसे कहा है कि पार्टी की विचारधारा सर्वोच्च है और सरकार उस विचारधारा का पालन करती है. मैंने उनसे कहा है कि अगर उन्हें कोई समस्या है तो हम उनसे बात कर सकते हैं. मैं निष्पक्ष हूं और मेरे अंदर अहंकार नहीं है.

    इस्तीफे के बाद क्या बोले सिद्धू

    अपने इस्तीफे पर मंगलवार को चुप रहने के बाद सिद्धू ने बुधवार को एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि वह अपनी नैतिकता से समझौता नहीं करेंगे, भले ही इसके लिए पदों का त्याग हो. उन्होंने बरगारी बेअदबी का मुद्दा उठाया. उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार पर फिर से निशाना साधते हुए कहा कि मैं समझौता नहीं करूंगा. मैं पद हासिल करने के लिए नहीं हुं. मैं कुछ भी बलिदान कर सकता हूं. जब मैं देखता हूं कि मुद्दों से समझौता किया जा रहा है तो मैं पद को नहीं रख सकता. सिद्धू ने कहा कि मैं आलाकमान को गुमराह नहीं करूंगा और न ही मैं आलाकमान को गुमराह होने दूंगा. सिद्धू ने कहा कि हमने सिस्टम से दागी नेताओं और अधिकारियों को हटाने पर काम किया है, लेकिन वे वापस आ गए हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगा. मंत्रियों को विभाग आवंटित किए जाने के कुछ मिनट बाद सिद्धू ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया.

    किस बात से नाराज हैं सिद्धू

    वह इस बात से नाराज हैं कि गृह विभाग उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के पास चला गया है. वह इसका विरोध करते रहे हैं, उनका मानना है कि यह परंपरा के मुताबिक सीएम के पास होना चाहिए. बुधवार सुबह कैबिनेट की बैठक से पहले दो मंत्रियों परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने सिद्धू से मुलाकात की. दिन में इंद्रबीर सिंह बोलारिया, फतेह जंग सिंह बाजवा, बलविंदर सिंह लड्डी भी उनसे मिले. सिद्धू के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह अडिग हैं. जब तक सरकार एजी एपीएस देओल और डीजीपी आईपीएस सहोता को नहीं हटाती, वह अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे.

    सिद्धू को इतनी आसानी से जाने नहीं देगी कांग्रेस

    हालांकि कई नेताओं की राय है कि पार्टी को अब झुकना नहीं चाहिए और उन्हें इस्तीफा देने देना चाहिए. दिल्ली के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा महसूस किया जा रहा है कि सिद्धू को पीपीसीसी प्रमुख नियुक्त करने के लिए कांग्रेस ने बहुत मेहनत की है. यह इतनी आसानी से नहीं हो सकता था. वरिष्ठ नेताओं ने इसे पूरा करने के लिए ओवरटाइम काम किया. कई नेताओं के होने के बावजूद पार्टी ने सिद्धू को चुना.

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