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    Home»Breaking News»झारखंड: जज मौत मामले की सुस्त जांच पर हाई कोर्ट नाखुश, फिर मांगी प्रगति रिपोर्ट
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    झारखंड: जज मौत मामले की सुस्त जांच पर हाई कोर्ट नाखुश, फिर मांगी प्रगति रिपोर्ट

    azad sipahiBy azad sipahiSeptember 30, 2021No Comments3 Mins Read
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    -सीबीआई को मिली अहम जानकारी

    रांची। धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले में गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि सीबीआइ अभी तक सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ पाई है। इस पर सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में उन्हें कुछ लीड मिली है। सीबीआई इसकी जांच कर रही है और कड़ियों को जोड़ रही है। इसके बाद अदालत ने अगले सप्ताह फिर से जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

    मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में हुई। हाईकोर्ट ने मामले को लेकर झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि ये दोनों संस्थाएं कुंभकरण की तरह ना बने। तीन महीने में पूरी रिक्तियां भरें, अन्यथा कठोर आदेश पारित किया जायेगा। कोर्ट ने यह टिप्पणी धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की।

    मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान यह बात सामने आयी थी कि झारखंड की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में रिक्तियों की वजह से जांच बाधित हो रही है। एफएसएल में नियुक्तियां न किये जाने पर कोर्ट ने जेपीएससी की भूमिका पर पहले भी कड़ी नाराजगी जतायी है।

    राज्य सरकार ने अगले छह महीने में एफएसएल को पूरी तरह से अपग्रेड करने की बात करते हुए प्रति शपथ पत्र दायर किया था। इसमें कहा गया था कि छह महीने में फंड रिलीज कर दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और सरकार द्वारा दायर प्रति शपथ पत्र को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हमें कंक्रीट रिजल्ट चाहिए। सारे मोबाइल लेबोरेटरी पुराने हो गए हैं। कोई भी कार्य नहीं कर रहा है। ऐसे में एफएसएल सही तरीके से नहीं चल पा रहा है।

    कोर्ट ने कहा है कि अगली तारीख को सेक्रेटरी कंक्रीट प्लान बनाकर एफिडेविट फाइल करें और सुनवाई के दौरान प्रिंसिपल सेक्रेटरी और एफएसएल डायरेक्टर भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए यदि आवश्यक हो तो वे रात भर जागे और प्लान बनाएं। जेपीएससी और जेएसएससी पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि कुंभकरण की तरह ना बने। हाईकोर्ट के आदेश को गंभीरता से लें और तीन महीने में पूरी रिक्ति भरे अन्यथा कठोर आदेश पारित किया जाएगा।

    उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई की सुबह करीब पांच बजे धनबाद में सुबह की सैर पर निकले एडीजे उत्तम आनंद को एक ऑटो ने पीछे से आकर जोरदार टक्कर मारी थी। इस घटना में जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी। यह पूरी वारदात वहां लगे एक सीसीटीवी में कैद हुई थी। इसकी फुटेज किसी साजिश की ओर इशारा कर रही थी।

    सीसीटीवी फुटेज से साफ हुआ था कि जज उत्तम आनंद को जान बूझकर ऑटो से टक्कर मारकर हत्या की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। झारखंड पुलिस द्वारा प्रारंभिक दौर में इस मामले की जांच की जा रही थी। इसके बाद सीबीआई ने इस केस को ले लिया है। सीबीआई की टीम लगातार इस मामले में अपनी जांच कर रही है।

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