Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, May 23
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»एक ही चिता पर पंचतत्व में विलीन हुए जीवनभर के साथी
    Breaking News

    एक ही चिता पर पंचतत्व में विलीन हुए जीवनभर के साथी

    azad sipahiBy azad sipahiDecember 10, 2021No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का अंतिम संस्कार बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर शुक्रवार शाम कर दिया गया। अंतिम यात्रा के दौरान रास्ते भर तिरंगा लेकर लोगों का हुजूम चला । सैन्य सम्मान के साथ 17 तोपों की सलामी देकर रावत दम्पति को अनंत यात्रा के लिए विदा किया गया। उनके अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था उसी गोरखा राइफल्स की यूनिट 5/11 ने संभाली, जिससे जनरल रावत ने अपना सैन्य सफर शुरू किया। सेना में आने के बाद उन्हें इसी यूनिट में कमीशन दिया गया और मरते दम तक उनकी वर्दी पर अनगिनत मैडल सजे।

     

    इससे पहले जनरल रावत के सरकारी आवास पर देश के तमाम नेताओं, सैन्य अधिकारियों, गण्यमान्य लोगों और विदेशी सैन्य बलों के अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। बरार स्क्वायर श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सैकड़ों लोग तिरंगा लेकर उनके पार्थिव शरीर के साथ चले। सड़कों पर जगह-जगह होर्डिंग लगाई गईं। श्मशान घाट तक रास्ते भर लोग ‘सीडीएस बिपिन रावत अमर रहे’ के नारे लगाते रहे। लोगों ने न सिर्फ फूल बरसाए, बल्कि इस दौरान भारत माता के नारे भी लगाए। दिल्ली के नागरिकों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा’ के नारे लगाए। अंतिम यात्रा जब श्मशान घाट पर पहुंची तो मातम धुन के बीच रावत दम्पति के पार्थिव शरीर सैन्य वाहन से उतारे गए।

     

    श्मशान घाट पर फिर एक बार सीडीएस को श्रद्धांजलि देने का क्रम शुरू हुआ। भारतीय सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने श्रद्धांजलि दी। अंत्येष्टि के लिए जनरल रावत के पार्थिव शरीर को तीनों सेना प्रमुखों ने कन्धा दिया और भारतीय सैन्य बलों के बैंड दलों ने मातमी धुन बजाई। इसके बाद रावत दम्पति के पार्थिव शरीर एक ही चिता पर रखे गए।

    दोनों बेटियों कृतिका और तारिनी ने माता-पिता के लिए धार्मिक रीति-रिवाज पूरे किये। अंतिम संस्कार से पहले सैन्य प्रोटोकॉल के अनुसार 17 तोपों की सलामी दी गई। सैन्य परंपरा के अनुसार त्रि-सेवाओं के बिगुलरों ने लास्ट पोस्ट और राउज खेला और इसके बाद जनरल रावत की दोनों पुत्रियों ने दोनों चिताओं को एक साथ मुखाग्नि दी। इस दौरान 800 जवान यहां मौजूद रहे।

     

    भारतीय सैन्य बलों के पहले प्रमुख सीडीएस बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान सेना अपने शीर्ष अधिकारियों को भेजा। श्रीलंका सेना की ओर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और श्रीलंकाई सेना के कमांडर जनरल शैवेंद्र सिल्वा शामिल हुए। उनके साथ पूर्व सीडीएस एडमिरल रवि विजेगुनारत्ने, (सेवानिवृत्त) भी रहे, जो भारत के नेशनल डिफेंस कॉलेज में सीडीएस रावत के कोर्समेट थे। सीडीएस बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में नेपाली सेना का प्रतिनिधित्व उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बाल कृष्ण कार्की ने किया। रॉयल भूटान सेना के प्रतिनिधि के रूप में उप मुख्य संचालन अधिकारी ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन शामिल हुए। वह चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर के बाद रॉयल भूटान आर्मी के दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश सशस्त्र बल प्रभाग के प्रधान स्टाफ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल वेकर-उज-जमान ने भी भारत के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी रावत को विदाई दी।

    Hindi news Late General Vipin rawat News
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleरांची एयरपोर्ट पर बाल-बाल बचा एयर एशिया का विमान
    Next Article देश के पांच राज्यों में ओमीक्रोन के 25 मरीज
    azad sipahi

      Related Posts

      झारखंड की धोती-साड़ी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई : बाबूलाल

      May 23, 2025

      मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन से दो मेजर जनरल ने की मुलाकात

      May 23, 2025

      मेगा टिकट चेकिंग अभियान में 1021 यात्रियों से वसूला गया 5.97 लाख

      May 23, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • सवाल कर राहुल ने स्वीकारा तो कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर करवाई की
      • झारखंड की धोती-साड़ी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई : बाबूलाल
      • मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन से दो मेजर जनरल ने की मुलाकात
      • मेगा टिकट चेकिंग अभियान में 1021 यात्रियों से वसूला गया 5.97 लाख
      • न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर हेले जेनसेन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास, 11 साल के करियर का अंत
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version