प्रदेश के गवर्नर रमेश बैस के निर्देश पर उपद्रवियों के लगे पोस्टर मामले में एसएसपी को राज्य सरकार ने शो-कॉज किया है। राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा के मामले में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर लगाने पर गृह सचिव ने एसएसपी को शो-कॉज जारी किया है। गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने एसएसपी से इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा है। उन्हें 2 दिनों में जवाब देने को भी कहा गया है।
हालांकि उपद्रवियों के पोस्टर शहर के जाकिर हुसैन पार्क के पास लगाए गए। पोस्टर लगने के मिनट भर में ही उतार लिए गए। गृह विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि पोस्टर लगाना विधि सम्मत नहीं है। यह इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध है। यह निजता में हस्तक्षेप का मामला बनता है। गवर्नर ने दिए थे पोस्टर लगाने के निर्देश
गवर्नर ने दिया था निर्देश
दरअसल हिंसा की घटना के 3 दिन के बाद ही गवर्नर ने डीजीपी समेत जिला प्रशासन के बड़े वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया। उन्हें निर्देश दिया कि सभी उपद्रवियों के पोस्टर शहर के अलग-अलग चौक चौराहों पर पूरी जानकारी के साथ लगाया जाए। इससे आम लोग भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की जांच में सहयोग कर सकें। जैसे ही पोस्टर लगाए गए मिनट भर के अंदर उन्हें उतार भी दिया गया। पोस्टर उतारने को लेकर पुलिस ने तर्क दिया कुछ करेक्शन के लिए पोस्टर उतारे गए हैं।
दो पोस्टर में 33 लोगों की लगी थी फोटो
उपद्रवियों का पोस्टर जिसे लगाने के तुरत बाद उतार लिया गया. दरअसल रांची पुलिस ने दो पोस्टर बनवाए थे। एक पोस्टर में 18 जबकि दूसरे पोस्टर में 15 फोटो लगे हुए थे। इन पोस्टरों में लोगों के हाथ में पत्थर साफ नजर आ रहे थे। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोगों की भी तस्वीर थी, जिनके चेहरे आधे ढके हुए थे। शुरूआती दौर में यह बात सामने निकल कर आई कि इनमें कुछ नाबालिग भी हैं। हालांकि पुलिस ने दावा किया कि करेक्शन के बाद पोस्टर फिर नए सिरे से लगाए जाएंगे।