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जिला प्रशासन द्वारा वनवासियों को दस साल पहले दिये गये पट्टे को वन विभाग नहीं मान रहा है। जिले के महुआडांड़ अनुमंडल के तंबोली ग्राम में पिछले दो दिनों से वन पट्टा को लेकर तनाव है। एक ओर वनवासी वन पट्टा वाली भूमि पर खेती वर्षों से कर रहे हैं, तो दूसरी ओर वन विभाग उक्त भूमि पर जबरन वनरोपण करने को लेकर आमादा है।

राज्य सरकार ने पुलिस प्रशासन में मंगलवार को बड़ा फेरबदल किया। कुल 35 आइपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, जिसमें एसपी और डीआइजी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। जमशेदपुर, साहेबगंज, गोड्डा, लोहरदगा, धनबाद के एसपी बदले गये हैं।

कोरोना के असली योद्धा झारखंड पुलिस और डॉक्टर हैं। पुलिस गरीबों को खाना खिलाने से लेकर लॉकडाउन को सफल बनाने में जुटी है। अब तक पांच लाख लोगों को पुलिस ने खाना खिलाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर जवान डटे हुए हैं। अगर झारखंड पुलिस न रहे तो लॉकडाउन फेल हो जायेगा। इसमें कोई दो राय नहीं।

झारखंड में कोरोना वायरस से एक व्यक्ति के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद सरकार वायरस के संक्रमण को रोकने…

झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने राज्य के सभी स्कूलों को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस और बस फीस नहीं लेने…

झारखंड नक्सल मुक्त हो गया है या नहीं, इस पर जारी बहस के बीच में ही नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। लातेहार के चंदवा इलाके में शुक्रवार को पुलिस टीम पर हमला कर एक दारोगा समेत चार पुलिसकर्मियों की हत्या कर नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों में बड़ा धमाका कर दिया है। इस घटना ने पुलिस प्रशासन के सामने नक्सलियों पर नकेल कसने और सुरक्षित मतदान के लिए अपनी रणनीति को बदलने की चुनौती पेश कर दी है। चंदवा की घटना ने साबित कर दिया है कि झारखंड में नक्सली कमजोर हुए हैं, लेकिन उनका पूरी तरह खात्मा अभी नहीं हुआ है। चंदवा की घटना ने यह भी साफ किया है कि पुलिस को अभी बहुत काम करने की जरूरत है। इस घटना की पृष्ठभूमि और पुलिस प्रशासन की चुनौतियों को रेखांकित करती संतोष सिन्हा की खास रिपोर्ट।