लोकसभा और राज्यसभा के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के साथ ही संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को ख़त्म हो…
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बहुचर्चित बाइटडाँस के लोकप्रिय एप ‘टीकटाक’ ने बुधवार को यहाँ की एक ज़िला अदालत में ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ प्रारंभिक निषेधाज्ञा जारी…
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को अच्छी खबर दी है। उनके मुताबिक अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना की…
भारत ने अपनी स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल रात्रि परीक्षण बुधवार देर रात को ओडिशा के समुद्री तट पर किया। चीन…
भारतीय वायु सेना (IAF) के एक बड़े अधिकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख और अक्साई चिन क्षेत्र में भारी हथियारों और…
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि नियोजन नीति और शिक्षक नियुक्ति पर हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जायेगी। हाइकोर्ट ने 13 अनुसूचित जिलों में हाइस्कूल शिक्षक वैकेंसी को रद्द कर दिया है। साथ ही 2016 की नियोजन नीति को भी निरस्त कर दिया था। इसी के खिलाफ राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जायेगी। सीएम बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में मीडिया को संबोधित कर रहे
सहायक पुलिकर्मियों ने हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर दी है। सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बुधवार को सहायक पुलिसकर्मियों से बात की। इसके बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि फिलहाल सभी सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा दो सालों के लिए बढ़ा
। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दुमका, जामताड़ा और पाकुड़ जिले में भारी संख्या में शिक्षक पदमुक्त हो जायेंगे। इस फैसले का शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव दिखनेवाला है। जामताड़ा में कुल 248, दुमका में 364 और पाकुड़ में 255 शिक्षक पदमुक्त हो जायेंगे। इस कारण से शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़नेवाली है। वहीं, कई स्कूल तो शिक्षक विहीन हो
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2020) मैच में मुंबई इंडियंस ने अपनी पहली जीत दर्ज की है। इतना ही नहीं यूएई…
पटना। बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि चुनावी माहौल में उन्हें विवादित बना दिया गया था। करियर में दाग न लगे, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। पांडेय ने कहा कि अभी फैसला नहीं हुआ है, एक-दो दिन में फैसला करेंगे। पांडेय बुधवार को पटना में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
झारखंड का सिस्टम अपने हिसाब से चलता रहा है। यहां के कुछ अफसर पूरी तरह बेलगाम हो गये हैं। यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं है कि इन कुछ बेपरवाह अफसरों के कारण गाहे-बगाहे सरकार की किरकिरी होती रहती है। झारखंड में कम से कम चार ऐसे मामले हुए हैं, जिनके कारण राज्य सरकार की किरकिरी हुई या उसके सामने नये किस्म की चुनौती आकर खड़ी हो गयी। लोकतंत्र की
