आपका आजाद सिपाही पांच साल का हो गया। पांच साल, यानी एक हजार आठ सौ सत्ताइस दिन। यह आजाद सिपाही का नहीं, आपके भरोसे की सालगिरह है। इसलिए आज दीन-दुनिया से अलग हट कर केवल इसकी ही बात होगी। आज हम राजनीति, अपराध, बिजनेस, खेलकूद और सामाजिक क्षेत्र की खबरों की नहीं, अपने पांच साल के सफर पर बात करेंगे कि कहां से हमने आपके भरोसे की पूंजी के साथ यह सफर शुरू किया था