दीपेश कुमार
रांची। झारखंड में पिछड़े वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने की राजनीति राज्य गठन के बाद से ही शुरू हो गयी थी। सड़क से लेकर सदन तक इस मांग को लेकर आवाजें भी बुलंद होती रही हैं, लेकिन इसकी मांग तब कुछ खास तबके और राजनीतिक दल और उनमें भी खासकर आजसू तक ही सीमित थी। पर झारखंड विधानसभा चुनाव में आज यह मुद्दा हॉट केक बन गया है। चुनाव की घोषणा के साथ ही लगभग सभी विपक्षी दलों ने पिछड़े वर्ग को न सिर्फ साधना शुरू कर दिया, बल्कि इसे अपने चुनावी घोषणापत्र के प्रमुख एजेंडों में शामिल कर लिया। अब तो इस राजनीति में भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों के साथ-साथ प्रमुख क्षेत्रीय दल भी शामिल हो चुके हैं।