झारखंड में बोर्ड-निगम के अध्यक्ष का पद हमेशा से चर्चा के केंद्र में रहा है, क्योंकि इन पदों पर सांसद-विधायक का टिकट पाने से चूक गये सत्ताधारी दल के वरीय नेताओं और मंत्री नहीं बन सके विधायकों को एडजस्ट किये जाने की परंपरा रही है। छोटा राज्य होने के कारण झारखंड की विधानसभा भी छोटी है, इसीलिए यहां विधान परिषद भी नहीं है। इस कारण यहां की कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। इसलिए बाकी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को बोर्ड-निगम