जिस पार्टी के पांच विधायक हों और वे घट कर दो रह जायें, तो यह समय उस पार्टी के लिए आत्ममंथन का होता है। और यही समय झारखंड में आजसू के लिए इस वक्त है। झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी अपनी हार के कारणों पर विचार कर रही है। इससे उसे किसी नतीजे पर पहुंचने में तो मदद मिलेगी ही, हार की समीक्षा कर आगे की राह तय करने में भी मदद मिलेगी। यह जाहिर हो चुका है कि भाजपा की तरह ही विधानसभा चुनाव में आजसू को अपेक्षित सफलता न मिलने के एक नहीं कई कारण थे। और उन कारणों का सामूहिक प्रभाव यह हुआ कि आजसू की सीटें राज्य में घटीं। विधानसभा चुनाव में आजसू की सीटें घटने और पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो की जीत के कारणों की विवेचना करती दयानंद राय की रिपोर्ट।