लोकतंत्र में हर नागरिक को अभिव्यक्ति की, अर्थात बोलने या लिखने की आजादी होती है। भारतीय संविधान में यह आजादी मौलिक अधिकार के रूप में दर्ज है, लेकिन इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि हर व्यक्ति अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करते समय मर्यादा की सीमाओं का पालन करेगा। इसका सीधा मतलब यह होता है कि अभिव्यक्ति के समय ऐसा कोई काम नहीं करना चा