Browsing: Politicians began to heat up in election fever

न दिन को सुकुन है और न रात को सुकुन। गीत का यह मुखड़ा झारखंड के नेताओं की वर्तमान चुनावी हालत बखूबी बयां कर रहा है। हाल यह है कि चाहे वह मुख्यमंत्री रघुवर दास हों या झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन या फिर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो या झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी सबके सब चुनाव की तैयारियों में खुद को इतना झोंक चुके हैं कि उनका दिन और रात क्षेत्र या फिर कार्यकर्ताओं से संवाद करने में ही बीत रहा है। कमोबेश यही हालत कांग्रेस और राजद की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पार्टी को मुकाबले में खड़ा करने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहे हैं पर अपनी ही पार्टी के साथियों का हमलावर होना उनके लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है। झारखंड में राजद दो फाड़ हो चुकी है और इसके सामने चुनौतियां नहीं चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। कुल मिलाकर चुनावों से पहले नेताओं के लिए यह समय बेहद विकट साबित हो रहा है। विधानसभा चुनावोें से पहले पक्ष और विपक्ष के नेताओं की चुनौतियों और चुनावी समर में उनकी हालत को रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।