अतीत कई बार अपनी हदें लांघता हुआ वर्तमान से कड़ियां जोड़ लेता है। झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की हॉट सीटों में से एक तमाड़ में अतीत जैसे जिंदा हो उठा है। यहां की सियासत एक
ऐसे नाम के इर्द-गिर्द घूम रही है, जो अब इस दुनिया में नहीं है। तमाड़ के विधायक थे रमेश सिंह मुंडा, जो नक्सली हिंसा में मारे गये थे। इस बार यहां जो चुनावी बिसात बिछी है, उसमें रमेश सिंह मुंडा की विरासत के आधार पर राजनीति में आये उनके पुत्र विकास मुंडा का मुकाबला जिस राजा पीटर और कुंदन पाहन से है, वे दोनों ही रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में आरोपित हैं। राजा पीटर पर रमेश सिंह मुंÞडा की हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप है, जबकि कुंदन पाहन पर सुपारी लेकर हत्या करने का। रमेश सिंह मुंडा के पुत्र विकास तमाड़ के मौजूदा विधायक हैं, लेकिन उनके लिए आजसू के रामदुर्लभ सिंह मुंडा भी दीवार बन कर खड़े हो गये हैं। उनकी चुनौतियों को भेद पाना आसान नहीं दिख रहा। यहां बन-बिगड़ रहे राजनीतिक समीकरणों की पड़ताल करती स्वरूप भट्टाचार्य की रिपोर्ट।