धूर्त दुश्मनों से घिरे भारत के लिए राफेल विमान उस अक्षय कवच की तरह है, जिसे द्वापर युग में सूर्य ने कर्ण को और त्रेता युग में भगवान राम को गुरु विश्वामित्र ने दिया था। जैसे उस कवच पर किसी भी हथियार का प्रभाव नहीं पड़ता था, ठीक उसी तरह फ्रांस में बने राफेल लड़ाकू विमान को दुनिया की कोई भी आंख न देख सकती है और न मार सकती है।