बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से ठीक पहले आरक्षण का जिन्न प्रकट हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण देने की वकालत कर जिस राजनीतिक ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया है, वह उन्हें चुनावी लाभ तो दिला सकता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। भारत में, खास कर हिंदी पट्टी के राज्यों में आर