Browsing: Saryu Rai who turns the stream

धारा के साथ बहकर किसी मुकाम पर पहुंचने वाले तो बहुतेरे होते हैं, लेकिन ऐसे लोग विरले होते हैं जो धारा के प्रतिकूल चलने का हौसला रख पाते हैं। अगर ऐसा हौसला हो भी तो लक्ष्य को वेध पाना आसान नहीं होता। प्रतिकूल धाराओं में कश्तियों के डूब जाने और खुद के मिट जाने का खतरा कदम-कदम पर होता है। लेकिन, जो लोग आंधियों के बीच से कश्तियां निकाल लेते हैं, इतिहास खुद उनके नाम अपने पन्नों पर सहेज लेता है। झारखंड की सियासत में सरयू राय का नाम ऐसे ही वीर पुरुष के रूप में दर्ज हो गया है, जिन्होंने सत्ता की धारा का रुख पलट दिया। हाल में संपन्न हुए झारखंड विधानसभा के चुनाव में सत्ता के शीर्ष पुरुष को उनके ही किले में घेरकर पराजित करने का जो पराक्रम उन्होंने दिखाया है, उससे उनका नाम राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में छा गया। सरयू राय दशकों से भाजपा में थे, सत्ता के साथ थे, अब निर्दलीय हैं। यानी आज वह एक तरह से अकेले हैं, लेकिन हकीकत में भाजपा के साथ और सत्ता के साथ रहते हुए भी वह अकेले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने सत्ता के गलत फैसलों को गलत कहने का साहस दिखाया। वह अकेले मंत्री थे, जिन्होंने सरकार के भीतर रहकर भी सरकारी तंत्र की गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठायी। उन्होंने बीते पांच साल में जो सवाल उठाये, उसका जायजा लेती आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की यह विशेष रिपोर्ट।