हाल के दिनों में राज्य सरकार को कम से कम तीन मामलों में सांसत में डाल कर नौकरशाही कहीं अपनी पीठ थपथपा रही है। इन गिने-चुने नौकरशाहों के कारण सरकार को इन तीन मामलों में अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। पूर्व की सरकार के दो और वर्तमान सरकार के एक फैसले से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। सरकार को सांसत में डालने के पीछे राज्य के कतिपय अधिकारियों का हाथ है। राज्य सरकार को चाहिए कि वैसे अधिकारियों को चिह्नित करे और कार्रवाई करे, नहीं तो आनेवाले दिनों में भी इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।