मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले साल मुझे पूर्व की सरकार ने खाली खजाने की चाभी सौंपी थी। हर विभाग कर्ज में डूबा था। जब सरकार आयी थी तो स्थिति भयावह थी। दूसरे महीने में तनख्वाह कैसे दी जायेगी, यह भी सोचना पड़ता था। यही कारण है कि किसानों की ऋण माफी में एक साल लग गया। मैं वादा करता हूं कि पांच साल बाद झारखंड को किसी के सामने भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।