कोरोना के खिलाफ जंग और पौने दो महीने के लॉकडाउन के दौरान कई बातें हुईं, बहसें हुईं, आरोप-प्रत्यारोप भी खूब लगे और काम भी हुए। लेकिन इस कोलाहल के बीच जमाने के सामने दर्जनों ऐसी तस्वीरें आयीं, जिन्हें देख कर मन कचोटने लगा और भीतर से कहीं हूक सी उठी, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं बदल रहा। ये तस्वीरें हैं देश के विभिन्न हिस्सों से घर लौट रहे प्रवासियों के बच्चों की। कोई अपनी मां के कंधे पर ऊंघता नजर आ रहा, तो कोई भूख से बिलबिलाता दिख रहा। फूल से बच्चे चिलचिलाती धूप और संक्रमण के खतरों से भरे माहौल में अपने मां-बाप के दुख-दर्द के साक्षी बनते दिख रहे। कोई बच्चा चलते-चलते सूटकेस पर सो रहा, तो कोई बच्चा अपने पिता की मदद के लिए ठेला खींचता दिख रहा।