अबूजा: नाइजीरिया में रहनेवाले मो. बेलो अबु बकर का 93 साल की उम्र में निधन हो गया। बेलो का नाम एक खास वजह से सुर्खियों में रहा था। वह मौलवी रह चुके थे। उन्होंने कुल 130 महिलाओं से शादी की थी। उनका कहना था कि शादियां करते रहना उनका पवित्र मिशन है और वह इसीलिए दुनिया में भेजे गये हैं। 93 साल की उम्र में बेलो का निधन हो गया। शनिवार को बीमारी के कारण उनकी मौत हुई। उन्हें क्या बीमारी थी, इसका पता नहीं लगाया जा सका है। रविवार को बड़ी संख्या में लोग उनके जनाजे में शामिल हुए। बेलो के निजी सहायक सलाउद्दीन बेलो के मुताबिक, पिछले कुछ समय से बेलो बीमार थे और आखिरी सांस लेते समय वह अपने घर पर ही मौजूद थे।
कहते थे जितनी चाहे, उतनी शादियां कर सकता है पुरुष
अबु बकर कुरआन की अपनी विवादित व्याख्या को लेकर भी काफी चर्चा में आये थे। उनके मुताबिक, कुरआन में कहा गया है कि कोई भी पुरुष जितनी चाहे उतनी शादियां कर सकता है। बेलो का कहना था कि पुरुष बिना किसी परेशानी के जितनी बीवियों को संभाल सकता है, उसे उतनी शादियां करने का हक है। उनके सहायक सलाउद्दीन ने कहा, ‘बाबा ने हमें कहा कि उनका आखिरी समय आ गया है। उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें अल्लाह ने जिस पुण्यकार्य के लिए धरती पर भेजा था, वह काम पूरा हो गया है और अब वह खुदा से मिलने के लिए तैयार हैं।’ बेलो को साल 2008 में कई मुस्लिम मौलवियों की आलोचना झेलनी पड़ी थी। कई मौलवियों ने मांग की थी कि बेलो 48 घंटे के भीतर अपनी 86 बीवियों में से 84 को तलाक दें। इसके जवाब में बेलो ने कहा था कि शादियां करते रहना उनका पवित्र मकसद है। उन्होंने कुल 130 शादियां कीं। इनमें से कुछ गर्भवती हैं। बेलो के पहले ही 203 बच्चे हैं।