चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार को कहा कि एक जांच आयोग उन परिस्थितियों की जांच करेगा, जिस कारण जल्लीकट्ट को लेकर यहां हिंसा हुई। विधानसभा में घोषणा करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा कि आयोग का नेतृत्व एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। हिंसा में निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ था।
आयोग को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने की सलाह दी जाएगी। पन्नीरसेल्वम के अनुसार, पूरे राज्य में 23 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में 487 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन 36 छात्रों के खिलाफ हिंसा के लिए मामले दर्ज किए गए हैं, उनके भविष्य के मद्देनजर उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मछुआरों को हुई क्षति के लिए उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के कारण हिंसा के दौरान उनके साजसामान को नुकसान पहुंचा था।
जल्लीकट्ट पर से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हजारों युवाओं और महिलाओं को पुलिस ने जबरन मरीना तट से हटाया था। परिणामस्वरूप चेन्नई के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे।