नई दिल्ली: शिल्प और कला का अंतरराष्ट्रीय संगम कल से शुरू होगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत का सूरजकुंड स्थल पूरी सजधज के साथ देश-विदेश के हुनरमंदों का स्वागत करने को तैयार है। झारखंड इस बार के मेले का थीम राज्य है। इस बार इस आयोजन में यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के 21 देश शिरकत कर रहे हैं। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

 

पयर्टन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वीएस कुंडू ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एक से 15 फरवरी तक चलने वाले 31वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में शिल्पी और कलाकार पहुंच चुके हैं और इस बार झारखंड को थीम राज्य का दर्जा दिया गया है।

इस बार इसमें यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के 21 देश भी शिरकत कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि भारत सहित श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, थाईलैंड, किर्गिस्तान, लेबनान और ट्यूनीशिया के कलाकारों में मेले को लेकर खासा उत्साह है। जिम्बाब्वे, तंजानिया, ट्यूनीशिया, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका इस मेले में पहली बार शिरकत कर रहे हैं।

कुंडू ने बताया कि थीम राज्य झारखंड ने मुख्य चौपाल के निकट राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में स्थित मलूटी मंदिर द्वार का एक स्थाई ढांचा बनाया है। इसके अलावा झारखंड के राज्य चिह्नों को प्रदर्शित करने वाले पांच अस्थाई द्वार बनाए गए हैं। राज्य से लगभग 300 कलाकार छाउ, खैरा, करसा, पायका जैसी लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।

सूरजुकुंड में 40.5 एकड़ क्षेत्र में फैले मेला मैदान में 1010 वर्क हट तथा बहु व्यंजन फूड कोर्ट बनाया गया है जिसमें 36 फूड स्टाल लगाए गए हैं। कुंडू ने बताया कि सैलानियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए मेला क्षेत्र में नकदी रहित लेनदेन के लिए देना बैंक की 100 पीओएस मशीन, दो एटीएम के साथ एक समर्पित बैंक शाखा तथा छह मोबाइल एटीएम वैन लगाई गई हैं।

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