इंदौर:  केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के शहरी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। जिले के ग्रामीण इलाके साल भर पहले ही इस सामाजिक बुराई से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं। इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ ने आज संवाददाताओं को बताया, ‘केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत कराये गये एक सर्वेक्षण के आधार पर शहर के सभी 85 वार्डों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। इस उपलब्धि के बाद हमारा लक्ष्य है कि इंदौर को देश के सबसे साफ सुथरे शहरों की पहली पंक्ति में शामिल कराया जाये।’

उन्होंने बताया कि इंदौर को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिये नगर निगम ने दो साल पहले अभियान छेड़कर आम लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ायी। इसके साथ ही, 12,549 एकल शौचालय बनाये गये, 174 सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की हालत दुरुस्त की गयी और 17 चलित शौचालय खरीदे गये। महापौर ने बताया कि नगर निगम ने पिछले दो साल में सुलभ इंटरनेशनल संस्था की मदद से 61 नये सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण भी कराया।

बहरहाल, यह जानना दिलचस्प है कि खुले में शौच से पूर्ण मुक्ति के मामले में इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र इंदौर के शहरी इलाके से पहले ही बाजी मार चुके हैं। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बाद इंदौर ने गत 25 जनवरी को देश का ऐसा दूसरा जिला बनने का गौरव हासिल किया था, जिसके ग्रामीण इलाके खुले में शौच की बुरी प्रवृत्ति से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। तब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर जिले की 312 ग्राम पंचायतों के 610 गांवों को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त घोषित किया था।

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