नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच कड़वे रिश्तों के दौर के बाद कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद रविवार को नई दिल्ली पहुंच रही हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और कनाडा व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग के लिए रूपरेखा तैयार करने पर विचार होगा।अनीता आनंद की तीन देशों की यात्रा में भारत पहला पड़ाव होगा, जिसके बाद वे सिंगापुर और चीन जाएंगी।

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद आज से भारत की यात्रा पर दिल्ली पहुंच रही हैं। इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग की रूपरेखा तय करने के साथ वे विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ व्यापक चर्चा करेंगी। अनीता आनंद मुंबई भी जाएंगी, जहां वह कनाडा व भारत में निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही कनाडा और भारतीय कंपनियों के अधिकारियों से मुलाकात करेंगी। 12 से 17 अक्तूबर के दौरान वे भारत के अलावा सिंगापुर और चीन के दौरे पर भी जाएंगी।

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाली कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद भारतीय अप्रवासी दंपति की संतान हैं।उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से की। इस महीने की शुरुआत में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की नई कैबिनेट में उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त किया गया। वे कनाडा की पूर्ववर्ती सरकारों में रक्षा मंत्री और परिवहन मंत्री के तौर पर काम कर चुकी हैं।

सितंबर 2023 में भारत-कनाडा के रिश्ते तब बिगड़ गए थे जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। इस प्रकरण से दोनों देशों के कूटनीतिक संबंध प्रभावित हुए और दोनों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा। हालांकि ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की उम्मीदें बढ़ गई।

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