रांची: सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद जेपीएससी मेधा घोटाला मामले की जांच सीबीआइ फिर शुरू होगी। इस संबंध में दाखिल रिव्यू याचिका पर आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जेपीएससी मेधा घोटाले की सीबीआइ जांच पर लगी रोक हटा दी है।
मालूम हो कि जून 2012 में झारखंड हाइकोर्ट ने जेपीएससी परीक्षाओं की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआइ ने जेपीएससी के 12 परीक्षाओं की जांच शुरू की थी। हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि तीन मामलों में सीबीआइ ने चार्जशीट भी दाखिल कर दिया था और दो मामले में फाइनल फार्म भी दाखिल कर दिया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की सीबीआइ जांच पर स्टे लगा दिया था।
2012 में सीबीआइ ने शुरू की थी जांच
बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को देखते हुए जून 2012 में झारखंड हाइकोर्ट ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। इसके बाद इन परीक्षाओं में सफल रहे अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर 7 अगस्त 2012 को स्टे कराने में सफल हो गये। इधर याचिकाकर्ता बुद्धदेव उरांव ने 11 जुलाई 2014 को हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर इस आदेश की चुनौती एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया।
इन परीक्षाओं की सीबीआइ करेगी जांच
प्रथम जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के 64 पद, दूसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के 172 पद, तीसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विवि व्याख्याता नियुक्ति परीक्षा के 750 पद, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता नियुक्ति के 335 पद, शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के 9735, चिकित्सक नियुक्ति परीक्षा के 1070, डिप्टी रजिस्ट्रार नियुक्ति परीक्षा के 02 पद, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी परीक्षा के 325 पद, बाजार पर्यवेक्षक परीक्षा के 53 पद, राजकीय फार्मेसी संस्थान लेक्चरर नियुक्ति के 07 पद के लिए हुई परीक्षा की जांच होगी।