रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यदि हम अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग करें और जवाबदेही तय कर काम की निगरानी करें तो कोई कारण नहीं कि झारखंड राज्य विकसित राज्य न बन सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित हो। हमारी नीतियां जमीन पर उतरें, विकास एवं कल्याण कार्य तीव्रता से करें, ताकि हम अगले तीन-चार साल में समृद्ध राज्यों की सूची में शामिल हो जायें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को राज्य के वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से गरीबी समाप्त करके हम समृद्ध हो सकते हैं। राज्य में हर अधिकारी-कर्मचारी की जवाबदेही तय करें। उन्होंने कहा कि टीम झारखंड के कारण राज्य में विकास कार्यों में जो तेजी आयी है, उसे बनाये रखें। योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनायें। फाइलों का मूवमेंट त्वरित हो। सभी विभाग कार्यसंस्कृति को बेहतर बनायें। उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से जो काम हो रहे हैं, उनका प्रचार-प्रसार सही तरीके से हो। जिन गांवों में बिजली पहुंच रही है, वहां जनप्रतिनिधियों के साथ उजाला दिवस के रूप में उत्सव मनायें।
दो माह में योजनाओं का ब्लू प्रिंट बना कर लागू करें
सीएम ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां जनवरी में वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया गया है। विभागों को तैयारी का पर्याप्त समय मिल गया है। अगले दो माह में ब्लू प्रिंट तैयार करें और एक अप्रैल से लागू करें। इसके लिए जरूरी डीपीआर, टेंडर की प्रक्रिया को पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में झारखंड के प्रति लोगों की सोच बदली है। 16-17 फरवरी को हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में हमें इसे बरकरार रखना है।
2016-17 में 62.32 फीसदी व्यय : अमित खरे
विकास आयुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में अद्यतन व्यय 60.32 प्रतिशत है, जो पूर्व के वर्षों से अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड बनने के बाद चार वित्तीय वर्ष ऐसे भी रहे हैं, जिनमें पूरे वर्ष का व्यय 60 प्रतिशत से कम रहा है। समीक्षा बैठक की जानकारी देते हुए विकास आयुक्त खरे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जीएसडीपी में 12 प्रतिशत से अधिक का ग्रोथ बनाये रखने पर राज्य की जनता और सभी पदाधिकारी/कर्मचारी को बधाई दी है।