रांची: वर्ष 1990 में जीइएल चर्च के प्रमुख पादरी मार्टिन टेटे हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। अपर न्यायायुक्त प्रदीप कुमार की कोर्ट ने ट्रायल फेस कर रहे कांग्रसी नेता रोशन लाल भाटिया एवं अन्य दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। जिन आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया, उनमें रोशन लाल भाटिया, अनिल कुमार कपूर एवं डॉ तापस मुखर्जी शामिल हैं। एपीपी अमर कुमार ने बताया कि सुनवाई के दौरान नौ गवाही दर्ज करवायी गयी थी। बता दें कि अगस्त 2016 में झारखंड हाइकोर्ट ने इस हत्याकांड को दो महीने के अंदर सुनवाई पूरी कर लेने का आदेश दिया था, जिसके आलोक में लंबित मुकदमे में पुन: सुनवाई शुरू हुई थी। मामले से बरी होने के बाद रोशन लाल भाटिया ने कहा कि उन्हें 26 साल बाद न्याय मिला है। कोर्ट से निकलने के बाद उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। वहीं मार्टिन टेटे की भांजी पुष्पा रानी ने कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें न्याय नहीं मिला है, इसके विरुद्ध वे ऊपरी अदालत जायेंगी।
क्या है मामला : मार्टिन टेटे की हत्या कोलकाता में 10 जून 1990 में हुई थी। नौ जुलाई 1990 को तत्कालीन मजिस्ट्रेट विनोद शंकर लाल की मौजूदगी में कब्र से मार्टिन टेटे का शव निकाला गया था। इसके बाद उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए आरएमसीएच (रिम्स) भेजा गया था। साथ ही उनके शव के नाखून और बाल को फॉरेंसिक जांच के लिए पटना भेजा गया था। इस हत्याकांड को लेकर लोअर बाजार थाना में उक्त तीन आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 126/90 दर्ज करायी गयी थी। तीनों आरोपियों रोशन लाल भाटिया, अनिल कुमार कपूर एवं डॉ तापस मुखर्जी पर सुनियोजित षडयंत्र के तहत मार्टिन टेटे का अपहरण करने तथा उनकी हत्या कर साक्ष्य मिटाने का आरोप
लगा था।
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