बेंगलूरू: ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने आज भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंक समूह के मामले में अपना आदेश सुनाते हुये बैंकों से कहा कि वह संकटग्रस्त उद्योगपति विजय माल्या और उनकी कंपनियों से किंगफिशर एयरलाइंस मामले में 6,203 करोड़ रुपये का कर्ज वसूलने की प्रक्रिया शुरू करें। इस राशि पर 11.5 प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज भी लगाया जायेगा। डीआरटी के पीठासीन अधिकारी के. श्रीनिवासन ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मैं बैंकों को यह आदेश देता हूं कि वह माल्या और यूबीएचएल, किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइंस सहित उनकी कंपनियों से 11.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 6,203 करोड़ रुपये की वसूली की प्रक्रिया शुरू करें।’’

डीआरटी के किराये पर लिये नये परिसर में यहां श्रीनिवासन ने इसके साथ ही 20 उन आवेदनों का भी निपटान कर दिया जो इस मामले में पक्षकार बनाये जाने के बारे में थे। इनमें से ज्यादातर आवेदन माल्या और उनकी कंपनियों की ओर से दिये गये थे। डीआरटी के माल्या और उनकी कंपनियों से कर्ज वसूली की कार्रवाई शुरू किये जाने के आज के आदेश से न्यायाधिकरण में पिछले तीन साल से जारी यह लड़ाई समाप्त हो गई। यह मामला स्टेट बैंक की अगुवाई में 17 बैंको ने दायर किया था। इन बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दिया है। बैंकों के समूह ने 2013 में डीआरटी में मामला दायर किया था। स्टेट बैंक ने कर्ज वसूली के अलावा तीन और आवेदन दायर किये हैं जिनमें माल्या को गिरफ्तार करने और कर्ज लौटाने में नाकाम रहने पर माल्या का पासपोर्ट जब्त करने का भी आवेदन किया है। माल्या पिछले साल दो मार्च को देश छोड़कर ब्रिटेन चले गये। उन्हें मुंबई की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के मनी लांड्रिग मामले में घोषित अपराधी बताया है।

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