रांची। झारखंड की सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ गयी हैं। जनता के बीच सभी दलों के नेताओं ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आजसू का अगला पड़ाव पलामू प्रमंडल है। आजसू ने स्वाभिमान यात्रा के पांचवें चरण के तहत पलामू की जनता को साधने का निर्णय लिया है। आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अब तक चार प्रमंडल में पार्टी प्रमुख सुदेश महतो स्वाभिमान यात्रा के माध्यम से जनता तक पहुंच चुके हैं। फरवरी के प्रथम सप्ताह में पलामू प्रमंडल में स्वाभिमान यात्रा निकाली जायेगी। उन्होंने कहा कि आम चुनाव की घोषणा के बाद राज्य की राजनीति किस करवट बैठेगी, यह कहना अभी उचित नहीं होगा, लेकिन आजसू राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों को ध्यान में रख कर तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल में आजसू का जनाधार है। आजसू की नीतियों का समर्थन करनेवालों की संख्या पलामू में कम नहीं है। हम सभी विधानसभा क्षेत्रों में संगठन को धारदार कर रहे हैं।
राजद की बात करें तो एकीकृत बिहार के समय से ही पलामू प्रमंडल में इसका व्यापक जनाधार था। अलग राज्य बनने के समय भी राजद पलामू में अन्य सभी दलों से ज्यादा मजबूत था। वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में भी राजद के पांच विधायक पलामू प्रमंडल से थे। पिछले चुनाव में राजद को एक भी सीट झारखंड में नहीं मिली थी, लेकिन इस प्रमंडल में उसका वोट प्रतिशत कम नहीं हुआ था। मिशन 2019 के तहत राजद एक फरवरी से पलामू प्रमंडल से लालू संदेश यात्रा की शुरुआत कर रहा है। प्रदेश राजद अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड में भले ही हमारे विधायक और सांसद नहीं हैं, लेकिन पार्टी का जनाधार कम नहीं है।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की नीतियों के साथ आज भी एक बड़ी आबादी खड़ी है। खासकर डाल्टेनगंज, चतरा, कोडरमा, लातेहार, गढ़वा, देवघर, गोड्डा जिले में राजद अन्य पार्टियों की तुलना में सबसे मजबूत है। उन्होंने कहा कि एक फरवरी से गढ़वा से लालू संदेश यात्रा की शुरुआत की जायेगी, जो 20 फरवरी तक चलेगी। इस दौरान पार्टी के सभी बड़े नेता हर प्रखंड में कार्यक्रम करेंगे और लालू यादव के संदेश को जनता के बीच ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के ज्वलंत मुद्दों को जनता के बीच रखा जायेगा।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पलामू प्रमंडल राजद का गढ़ हुआ करता था। देखा जाये तो झारखंड में राजद की पहचान ही पलामू प्रमंडल से थी। भले ही राजद प्रमुख लालू यादव रांची में सजा काट रहे हैं, लेकिन उनके यहां रहने से पार्टी पहले की तुलना में ज्यादा रेस है। गाहे-बगाहे बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का भी रांची आगमन हो जा रहा है। इसका भी प्रभाव पार्टी की कार्यशैली पर देखने को मिल रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि लालू संदेश यात्रा का प्रभाव आम चुनाव और विधानसभा चुनाव पर कितना पड़ता है।

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