रांची। कोयला सचिव सुमंत चौधरी ने झरिया एक्शन प्लान को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया है। वहीं, असुरक्षित इलाके से पुनर्वासित होनेवाले लोगों का पूरा ब्योरा डिजिटाइज करने का निर्देश दिया है। साथ ही, चरणबद्ध तरीके से लोगों को समयबद्ध पुनर्वासित करने पर बल दिया। उन्होंने यह निर्देश शुक्रवार को 18वें हाई पावर सेंट्रल कमेटी की बैठक में दिये। कोयला चोरी रोकने के लिए बैठक में आये सुझाव पर सहमति जताते हुए टास्क फोर्स गठित करने पर सहमति दी गयी। इस टास्क फोर्स में सीआइएसएफ, कोयला अधिकारी और पुलिस सम्मिलित होगी।
मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने पुनर्वासित होनेवाले लोगों को भविष्य में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए उनकी सोसाइटी बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे आनेवाले समय में उनके घरों के रख-रखाव और सामुदायिक परिसंपत्तियों के उपयोग आदि की समस्या वे मिल-जुलकर हल कर पायेंगे।
ससमय उत्पादन शुरू करें कोयला कंपनियां : दूसरी ओर विभिन्न कोयला कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए कोयला सचिव ने निर्देश दिया कि सभी कोयला कंपनियां ससमय उत्पादन शुरू करें। मौके पर कोयला खदान की लीजधारी कंपनियों की राजस्व, वन और पर्यावरण विभाग से जुड़ी समस्याओं का निदान किया गया। सभी कोयला कंपनियों को उत्पादन शुरू करने की समयसीमा भी तय की गयी।
झरिया एक्शन प्लान: 584 साइटों का सर्वे पूरा
बैठक में बताया गया कि झरिया एक्शन प्लान के तहत कुल 595 साइटों में से 584 साइटों का सर्वे जेआरडीए कर चुका है। 11 साइट पश्चिम बंगाल में आते हैं। बताया गया कि पुनर्वासित स्थानों को डेवलप करने का काम जारी है। बैठक में पुनर्वास को लेकर हो रही कतिपय समस्या के समाधान के लिए कोयला सचिव ने विकल्पों पर ध्यान देने की जरूरत बतायी।