नयी दिल्ली। जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। पुलिस द्वारा चार्जशीट में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के नाम शामिल हैं। कोर्ट पुलिस के चार्जशीट पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। पुलिस तीन साल तक चली जांच के बाद चार्जशीट की कॉपी और अन्य दस्तावेजों को एक ट्रंक में लेकर कोर्ट पहुंची।
1200 पेज की चार्जशीट 12 नारों का भी जिक्र
1200 पेज की इस चार्जशीट को पुलिस ने अदालत में पेश किया है। पुलिस ने चार्जशीट में कन्हैया और अन्य आरोपियों द्वारा कथित तौर पर लगाए गए 12 नारों की लिस्ट भी शामिल की है। इनमें ‘हम लेके रहेंगे आजादी…, संगबाजी वाली आजादी…, भारत तेरे टुकड़े होंगे…, कश्मीर की आजीदी तक जंग रहेगी…, भारक के मुल्क को एक झटका और दो…, भारत को एक रगड़ा और दो…, तुम कितने मकबूल मरोगे…, इंडियन आर्मी को दो रगड़ा… आदि नारे शामिल हैं।
क्या है जांच में : जांच के मुताबिक कन्हैया ने नौ फरवरी की शाम प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया। पुलिस ने पाया कि जेएनयू कैंपस में ऐसी किसी भी गतिविधि के लिए ली जाने वाली अनुमति की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गयी थी। इन प्रदर्शनकारियों को रोका गया और उन्हें बताया गया कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम को करने के लिए उनके पास अनुमति नहीं है।
संसद हमले के गुनहगार अफजल की याद में हुआ था प्रोग्राम : आरोप है कि जेएनयू में नौ फरवरी को लेफ्ट स्टूडेंट्स के ग्रुप्स ने संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम आर्गनाइज किया था। इसे कल्चरल इवेंट का नाम दिया गया था। शाम पांच बजे उसी प्रोग्राम में कुछ लोगों ने देशविरोधी नारेबाजी की थी। 10 फरवरी को नारेबाजी का वीडियो सामने आया। दिल्ली पुलिस ने 12 फरवरी को नारेबाजी के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में कन्हैया, खालिद और भट्टाचार्य को गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में इन्हें जमानत मिल गयी थी।
कन्हैया समेत 10 लोगों के नाम हैं शामिल
चार्जशीट में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया, सैयद उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, और खलिद बशीर भट के नाम हैं। जांच एजेंसी ने इस केस में पूरी तैयारी के साथ चार्जशीट तैयार की है। इस मामले के गवाहों के बयान सीआरपीसी की ऐसी धारा के तहत दर्ज किये गये हैं कि बयान से पलटने पर उन्हें सजा मिल सकती है। पुलिस ने इसके साथ ही फरेंसिक और फेसबुक डेटा के जरिये भी साक्ष्य जुटाये हैं।
पुलिस ने जुटाये हैं पुख्ता सबूत
आइपीसी की धारा 124अ, 323, 465, 143, 149, 147, 120इ के तहत चार्जशीट फाइल की गयी है। सुनवाई शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस चार्जशीट को एक बक्से में लेकर पटियाला हाई कोर्ट में पहुंची। रिपोर्ट्स के मुताबिक चार्जशीट करीब 1200 पेजों की है, जिसके सपॉर्ट में कुछ दूसरे दस्तावेज भी हैं। कन्हैया और अन्य नौ आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अभी तक की तफ्तीश में पुख्ता सबूत जुटाये हैं।
न्यायपालिका पर यकीन : कन्हैया
कन्हैया कुमार ने कहा कि मैं मोदीजी और पुलिस को धन्यवाद कहना चाहता हूं। तीन साल बाद चुनाव से ठीक पहले चार्जशीट फाइल किया जाना साफतौर पर दिखाता है कि यह राजनीति से प्रेरित है। मैं अपने देश की न्यायपालिका पर विश्वास करता हूं।
ये राजनीति से प्रेरित आरोप : डी राजा
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि ये राजनीति से प्रेरित आरोप हैं, कोई भी एआइएसएफ पर देश के विरोध में कोई काम करने का आरोप नहीं लगा सकता। जांच के लिए कुछ भी नहीं है, हमारे छात्र इस तरह की किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं।