रांची। चारा घोटाला के तीन मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को झारखंड हाइकोर्ट से झटका लगा है। हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने विशेष नोटिस जारी कर फैसले का समय गुरुवार को निर्धारित किया। इसके बाद सीबीआइ और लालू प्रसाद के अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित हुए। चार जनवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। लालू प्रसाद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की थी। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि लालू प्रसाद मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहे हैं, वे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। उनकी उम्र 71 वर्ष की हो चुकी है।

लालू प्रसाद राजद के अध्यक्ष हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक है। पार्टी अध्यक्ष के नाते टिकट बंटवारा उन्हें ही करना है। साथ ही चुनाव के लिए रणनीति तैयार करनी है। चारा कांड संख्या आरसी 38ए/96, आरसी 68ए/96 तथा आरसी 64ए/96 में लालू प्रसाद को जमानत देने का आग्रह किया गया था। यह भी कहा गया था कि चारा घोटाला में लालू प्रसाद के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। सरकारी गवाह की गवाही पर उन्हें सजा मिली है। किसी भी मामले में सरकारी गवाह केवल केस के सपोर्ट के लिए होता है, लेकिन में चारा घोटाला में लालू के खिलाफ सरकारी गवाह को सीधे साक्ष्य के रूप में लिया गया है। वहीं सीबीआइ की ओर से कहा गया था कि लालू प्रसाद की जमानत याचिका में सिर्फ एक ही बात नयी आयी है कि लोकसभा चुनाव के कारण वे जमानत पर बाहर आना चाहते हैं। रिम्स ने लालू की किसी खास बीमारी को गंभीर नहीं बताया है।

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