रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में एमबीबीएस नामांकन प्रक्रिया में कथित बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद सदन में गहमागहमी बढ़ गई।

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि राज्य का झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा बोर्ड (जेसीईसीईबी) मेडिकल काउंसलिंग के दौरान मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (एमसीसी) की निर्धारित गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है।

मरांडी ने दावा किया कि एनटीए द्वारा परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद जब इसे जेसीईसीईबी को भेजा जाता है, तब एनटीए पोर्टल के साथ सही तरीके से लिंक न होने के कारण काउंसलिंग प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तकनीकी खामी का फायदा उठाकर कुछ छात्र फर्जी जाति, आवासीय प्रमाणपत्र और अन्य गलत दस्तावेज जमा कर देते हैं। इससे कई योग्य छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है और वे नामांकन से वंचित रह जाते हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने यहाँ तक आरोप लगाया कि यह गड़बड़ियाँ अनजाने में नहीं, बल्कि जानबूझकर की जा रही हैं ताकि कुछ विशेष लोगों को इसका अवैध लाभ मिल सके।

बाबूलाल मरांडी ने सरकार से माँग करते हुए कहा कि जेसीईसीईबी के शीर्ष अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए, मौजूदा काउंसलिंग प्रक्रिया को रद्द कर पुनः संचालित किया जाए और इस पूरे मामले की गहन जाँच सीबीआई (CBI) से कराई जाए। मरांडी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस गंभीर विषय पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करती है, तो विपक्ष सदन की कार्यवाही को बाधित करेगा और अपना विरोध जारी रखेगा।

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