प्रयागराज। प्रयागराज में जारी संतों की धर्म संसद में ऐलान किया गया है कि संत समाज के लोग अगले महीने प्रयाग से अयोध्या के लिए कूच करेंगे। ‘परमधर्म संसद’ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंदिर निर्माण के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की गयी है। कोर्ट के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा गया है कि खेद का विषय है कि कुत्ते तक को तत्काल न्याय दिलानेवाले राम के देश में रामजन्म भूमि के मुकदमे को न्याय नहीं मिल रहा है।
पीएम मोदी के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए विज्ञप्ति में कहा गया कि पीएम ने अपने साक्षात्कार में कहा है कि न्याय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब उनकी बारी आयेगी, तो वह अपनी भूमिका निभायेंगे। वह अपने वचन पर स्थिर नहीं रह सके और उन्होंने रामजन्म भूमि विवाद की न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करवायी है, जिसमें गैर-विवादित जमीन को उसके मालिकों को लौटाने की बात कही गयी है। याचिका में कहा गया है कि 48 एकड़ भूमि रामजन्मभूमि न्यास की है, जबकि सच्चाई यह है कि एक एकड़ भूमि के अलावा सारी जमीन उत्तरप्रदेश सरकार की है, जो रामायण पार्क के लिए अधिगृहीत की गयी थी।
इस मामले में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि हम अयोध्या में 21 फरवरी को राम मंदिर की नींव रखेंगे। हम कोर्ट के किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। जब तक सुप्रीम कोर्ट, हाइकोर्ट के आदेश को खारिज नहीं कर देता, तब तक यह लागू है। वहां राम लला विराजमान हैं, वह जन्मभूमि है।
‘गोली खानी पड़े या जेल जाना पड़े, नहीं रुकेंगे’
धर्म संसद की अगुवाई कर रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन के इस पहले चरण में हिंदुओं की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 21 फरवरी 2019 की तारीख तय की गयी है। बसंत पंचमी के बाद हम प्रयाग से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। उसके लिए हमें अगर गोली भी खानी पड़ी या जेल भी जाना पड़े तो हम तैयार हैं। यह भी कहा गया है कि अगर इस काम में सत्ता के तीन अंगों में से किसी के द्वारा अवरोध डाला गया, तो हम संपूर्ण हिंदू जनता को धमार्देश जारी करते हैं कि जब तक मंदिर निर्माण नहीं हो जाता, तब तक हर हिंदू का यह कर्तव्य होगा कि वह गिरफ्तारी देनी हो तो गिरफ्तारी दे। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक रामजन्मभूमि हिंदुओं को सौंप नहीं दी जाती और उस पर हम मंदिर का निर्माण नहीं कर लेते।
सभी हिंदू 4-4 के गुट में 4-4 शिला लेकर अयोध्या पहुंचें
परम संसद में कहा गया कि आज गली-गली में धर्म संसद हो रही है। गृहस्थ लोग धर्म संसद नहीं बुला सकते हैं। 21 फरवरी को सभी हिंदू 4-4 के गुट में 4-4 शिला लेकर अयोध्या पहुंचें। क्योंकि 4 लोगों पर धारा 144 नहीं लागू होती, पांच लोगों के झुंड पर धारा 144 लगती है। वहीं, नंदा, जया, भद्रा, पूर्णा नाम की चार शिलाएं शंकराचार्य को सौंपी गयीं। इन्हीं चार नाम की शिला लेकर 21 फरवरी को अयोध्या पहुंचने के लिए परम धर्म संसद ने सभी हिंदुओं का आह्वान किया है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि मंदिर एक दिन में नहीं बनेगा, लेकिन जब शुरू होगा, तभी तो बनेगा। इसलिए 21 फरवरी को शिलान्यास के जरिये मंदिर का निर्माण शुरू होगा। ये धर्मसंसद भगवान को परमात्मा मानती है, लेकिन दूसरी धर्मसंसद भगवान राम को परमात्मा नहीं महापुरुष मानती हैं। इसीलिए सरदार वल्लभभाई पटेल की तरह उनका पुतला बनाना चाहती हैं। हमारे यहां मूर्ति लोहे या सीमेंट की नहीं, अष्टधातु, लकड़ी या मिट्टी की बनती है। हमें कंबोडिया के अंकोरवाट की तरह विशाल मंदिर अयोध्या में बनवाना है। अयोध्या को वेटिकन सिटी का दर्जा दिया जाये।