Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, May 14
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»छात्रों की पीड़ा, विधायक मुखर, अध्यक्ष मर्माहत
    Breaking News

    छात्रों की पीड़ा, विधायक मुखर, अध्यक्ष मर्माहत

    azad sipahiBy azad sipahiJanuary 28, 2019Updated:January 28, 2019No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    रांची। चतुर्थ झारखंड विधानसभा का अंतिम बजट सत्र चल रहा है। किसी मुद्दे पर दोनों पक्ष के विधायकों का सहमत होना, सदन का असहाय और बेबस चेहरा सार्वजनिक होना, छात्रों का लगातार सड़क पर आंदोलन करना, कहीं न कहीं झारखंड लोकसेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सही और गलत का निर्णय तो वे करेंगे, जिनके पास इसका अधिकार है। वह चाहे हाइकोर्ट हो या राज्य सरकार। लेकिन छात्रों का यह आरोप तो शीशे की तरह साफ है कि 100 की जगह 106 लोग कैसे परीक्षा दे रहे हैं। जेपीएससी के सचिव रहे जगजीत सिंह ने जब जुलाई में ही पीत पत्र जारी कर दिया था, तो फिर अक्टूबर में उन्होंने आयोग की परीक्षा प्रक्रिया के स्कूटनी फॉर्म पर हस्ताक्षर कैसे कर दिया। सोमवार को छात्रों को सदन और कोर्ट से राहत की उम्मीद थी।

    हाई कोर्ट ने सुनवाई तो की, लेकिन परीक्षा पर रोक नहीं लगायी। उसने रिजल्ट प्रकाशन पर रोक लगायी और फिर फरवरी में अगली सुनवाई होगी। उधर विधानसभा अध्यक्ष के मुंह से आवाज आयी कि हम बेबस और लाचार हैं। ऐसे में छात्र जायें तो जायें कहां। या तो स्पीकर अपने पावर का इस्तेमाल नहीं करना चाहते या कहीं न कहीं उनके ऊपर भी दवाब है। झारखंड विधानसभा में सोमवार को जो हुआ, वैसा पिछले 18 सालों में नहीं हुआ था। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बजट पर चर्चा नहीं होकर जेपीएससी का मुद्दा गरमाया रहा। सदन शुरू होते ही विपक्ष जेपीएससी की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने या रद्द करने की मांग करने लगा। इस कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका। बजट पर भी चर्चा नहीं हो पायी। पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने परीक्षा को स्थगित करने की मांग रखी, साथ ही बाउरी कमेटी की अनुशंसा को सदन में रखने की भी मांग की।

    विपक्ष का सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन: सोमवार को जेपीएससी मामले पर विपक्ष के विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया। सदस्यों ने झारखंड लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया। विधायक हाथ में नारे लिखी तख्तियों को लेकर जेपीएससी में भ्रष्टाचार की बात उठा रहे थे। विधायकों का कहना था कि सरकार ने जेपीएससी में पैरवी, सेटिंग और कमीशनखोरी की जानकारी के बाद भी आंखें मूंद रखी हैं। वे मुख्य द्वार पर बाउरी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और उसे लागू करने के लिए आवाज बुलंद करते रहे। कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत ने जेपीएससी का फुल फॉर्म बताते हुए लोक सेवा आयोग को झारखंड पैरवी सेटिंग कमीशनखोरी आयोग बताया।

    सत्ता-विपक्ष के विधायकों की भावनाएं एक, सरकार समाधान निकाले: हेमंत सोरेन
    सदन शुरू होते ही जेपीएससी मामले पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन अपनी बातों को रखने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र के शुरू होने के पहले दिन से ही सदन में जेपीएससी की चर्चा हो रही है। सत्ता और विपक्ष दोनों की भावनाएं एक जैसी हैं। आसन यानी विधानसभा अध्यक्ष की भी भावना यह है कि जेपीएससी परीक्षा का निदान निकले। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास असीम शक्ति है, वह अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए परीक्षा को रद्द करने का निर्देश सरकार को दें। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि जो परीक्षा चल रही है, वह एक तरह से बंदूक की नोक पर चल रही है। अगर 27 हजार के बदले 33 हजार लोगों को परीक्षा देने का मौका मिल रहा है, तो कुछ को क्यों रोका गया है, सभी को मौका दे दीजिए। श्री सोरेन ने कहा कि पूरे मामले की जांच गहनता से होनी चाहिए, उसके बाद ही सरकार को जेपीएससी की मुख्य परीक्षा लेनी चाहिए।

    55 में से 18 स्क्रूटनी में शामिल और दे रहे हैं परीक्षा: सुखदेव भगत
    सदन में अपनी बात को रखते हुए सुखदेव भगत ने कहा कि जेपीएससी की स्कू्रटनी में शामिल 55 में से 18 लोग ऐसे हैं, जो स्क्रूटनी का काम तो कर रहे हैं, लेकिन जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में भी शामिल हैं। वे परीक्षार्थी भी हंै और चयनकर्ता भी। ऐसे में साफ तौर से कहा जा सकता है कि जेपीएससी में गड़बड़ी हो रही है। छात्र आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उसे देखनेवाला कोई नहीं है। उग्रवादियों के साथ सरकार वार्ता करती है, लेकिन छात्रों के साथ वार्ता करने से सरकार पीछे हटती है। ऐसा लग रहा है जैसे मध्यप्रदेश की व्यापमं घोटाले की तर्ज पर यहां का जेपीएससी घोटाला होनेवाला है।

    कुछ विषयों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए : राधाकृष्ण किशोर
    सदन में अपनी बात रखते हुए सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाउरी कमेटी का प्रतिवेदन सदन में रखा जाना चाहिए। उन्होंने साफ तौर से कहा कि ऐसे-ऐसे लोग परीक्षा की प्रक्रिया में शामिल हैं, जो स्कू्रटनी भी कर रहे हैं और परीक्षा भी दे रहे हैं। ऐसे में यह घोर अनियमितता का विषय है। सरकार को निश्चित तौर पर इस पर संज्ञान लेना चाहिए। अगर जेपीएससी अच्छे उम्मीदवारों को चुन कर झारखंड राज्य के सरकारी कामकाज को निपटाने के लिए देता है, तो झारखंड राज्य का ही भला होगा। यह बात सरकार को समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुए तत्काल परीक्षा को स्थगित किया जाये।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleउज्ज्वल है बेटियों का भविष्य : सीएम
    Next Article बोकारो: मारपीट मामले में चास के मेयर भोलू पासवान गये जेल
    azad sipahi

      Related Posts

      केंद्र से अब झारखंड की एक-एक पाई के लिए आंदोलन करना होगा : सुप्रियो

      May 14, 2025

      शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व विकास में यूनिसेफ को पूरा सहयोग करेगी सरकार: मुख्यमंत्री

      May 14, 2025

      सैनिकों के सम्मान में भाजपा ने निकाली तिरंगा यात्रा

      May 14, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • केंद्र से अब झारखंड की एक-एक पाई के लिए आंदोलन करना होगा : सुप्रियो
      • शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व विकास में यूनिसेफ को पूरा सहयोग करेगी सरकार: मुख्यमंत्री
      • सैनिकों के सम्मान में भाजपा ने निकाली तिरंगा यात्रा
      • सेना प्रमुखों ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की दी जानकारी
      • सीएम और बाबूलाल ने जस्टिस बीआर गवई को बधाई दी
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version