रांची। उषा मार्टिन को उधार चुकाने के लिए टाटा स्पौंज से 200 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह रकम इंटर कॉरपोरेट डिपोजिट (आइसीडी) के रूप में दी जायेगी। उषा मार्टिन को यह रकम 4525 करोड़ रुपये में से दी जायेगी। टाटा स्पौंज ने उषा मार्टिन के इस्पात व्यवसाय को 4525 करोड़ रुपये में खरीदा है। आइसीडी की रकम उषा मार्टिन को इसलिए दी जा रही है, ताकि अधिग्रहण की औपचारिकता पूरी करने से पहले उसका बकाया चुकाया जा सके।
उषा मार्टिन के मुख्य कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने इस अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही इसने आइसीडी के रूप में मिलनेवाले 200 करोड़ की रकम को भी पिछले महीने हुई निदेशक मंडल की बैठक में मंजूरी दी थी।
उषा मार्टिन के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार आइसीडी के रूप में मिलनेवाली रकम से कंपनी को अपना उधार चुकाने के अलावा कार्यशील पूंजी जुटाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि कंपनी के समक्ष अभी नगदी का दबाव है। कंपनी को ब्याज और मूलधन का भुगतान करना है। उषा मार्टिन को कर्ज देनेवाली अन्य संस्थाएं भी अधिग्रहण को मंजूरी दे देंगी। बता दें कि राउरकेला की डोलोमाइट माइनिंग कॉरपोरेशन और शापूरजी पालोनजी समूह ने उषा मार्टिन के खिलाफ क्रमश: 1.46 करोड़ और 4.5 करोड़ के बकाये को लेकर दिवालिया कानून के तहत मुकदमा दायर कर रखा है। इसलिए उषा मार्टिन प्रबंधन के लिए हस्तांतरण से पहले इन बकायों को खत्म करना जरूरी है।
जानकार सूत्रों के अनुसार, कंपनी की अंतिम आडिट रिपोर्ट के अनुसार उषा मार्टिन के इस्पात डिविजन पर 634 करोड़ रुपये का संचालन कर्ज है। यह रिपोर्ट कंपनी के निदेशक मंडल की 17 दिसंबर को हुई बैठक में प्रस्तुत की गयी थी। कंपनी की बिक्री से मिलनेवाली रकम में से 700 करोड़ की रकम इस्पात डिविजन से संबंधित खदानों के बकाये को चुकाने के लिए रोक रखी गयी है। इस तरह आइसीडी भुगतान के बाद उषा मार्टिन के पास सुरक्षित उधारदाताओं को चुकाने के लिए केवल 3625 करोड़ रुपये ही बचेंगे।