नई दिल्ली : फांसी से बचने के लिए क्यूरेटिव पिटिशन के रूप में आखिरी कानूनी दांव के भी खत्म होने के बाद निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषी मुकेश सिंह ने अब दया याचिका दी है। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही मुकेश और एक अन्य दोषी विनय शर्मा की क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज किया था। विनय पहले ही राष्ट्रपति के पास दया की गुहार लगा चुका है। हालांकि, बाद में उसने अपनी याचिका वापस लेने की मांग की थी। दो अन्य दोषियों अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता ने अभीतक क्यूरेटिव पिटिशन दायर नहीं की है। दिल्ली की एक अदालत ने 7 जनवरी को चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में मौत होने तक फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वॉरंट जारी किया था।

बता दें कि दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की दरम्यानी रात में चलती बस में 6 दरिंदों ने 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ हैवानियत की थी। दरिंदों ने बाद में लड़की को जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस सनसनीखेज अपराध ने पूरे देश को झकझोर दिया था और देशभर में इसके खिलाफ कई दिनों तक जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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