अनुपूरक बजट के जरिये किस विभाग को मिलेगी कितनी राशि
कृषि विभाग : 1114.45 लाख
पशुपालन विभाग : 467.83 लाख
भवन निर्माण विभाग : 10.50 लाख
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग : 126.83 लाख
सहकारिता विभाग : 41.18 लाख
ऊर्जा विभाग : 55556.64 लाख
उत्पाद विभाग : 409.16 लाख
राष्ट्रीय बचत विभाग : 6.10 लाख
वित्त विभाग: 237 लाख
वाणिज्यकर विभाग :
1714.54 लाख
खाद्य आपूर्ति विभाग :
18038.08 लाख
वन पर्यावरण विभाग :
5132.73 लाख
स्वास्थ्य विभाग : 26576.16
लाख
उच्च, तकनीकी शिक्षा विभाग : 4882 लाख
गृह विभाग : 61871.87 लाख
उद्योग विभाग : 286.35 लाख
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग : 1818.70 लाख
श्रम नियोजन विभाग : 1185.11 लाख
विधि विभाग : 4293 लाख
झारखंड उच्च न्यायालय : 1725 लाख
खान विभाग : 236.89 लाख
अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा कल्याण विभाग
: 168.50 लाख
विधानसभा : 455.60 लाख
कार्मिक विभाग : 166.03 लाख
जेपीएससी : 651.14 लाख
योजना विभाग : 45.75 लाख
पेयजल विभाग : 978.19 लाख
राजभाषा विभाग: 263.04 लाख
निबंधन विभाग : 376.12 लाख
भूमि सुधार विभाग : 4479.44 लाख
आपदा प्रबंधन विभाग : 40606.26 लाख
पथ निर्माण विभाग : 6.23 लाख
ग्रामीण विकास विभाग : 95156.73 लाख
विज्ञान एवं प्रावेद्यिकी विभाग : 1363.69 लाख
स्कूली शिक्षा विभाग : 42.15
लाख
ई-गवर्नेंस विभाग : 8.10 लाख
पर्यटन विभाग : 15.93 लाख
परिवहन विभाग : 86.50 लाख
नगर विकास विभाग : 5864.52 लाख
जल संसाधन विभाग : 44.22 लाख
लघु सिंचाई विभाग : 82.83 लाख
एससी, एसटी, ओबीसी कल्याण विभाग :
5063.35 लाख
खेलकूद विभाग : 670.55 लाख
मतस्य विभाग : 1200 लाख
डेयरी विभाग : 31.09 लाख
ग्रामीण कार्य विभाग : 5567.10 लाख
पंचायती राज विभाग : 4.90 लाख
माध्यमिक शिक्षा विभाग : 25 लाख
प्राथमिक शिक्षा विभाग : 7125 लाख
महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग
: 63519.12 लाख
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मौन
रांची। पंचम विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन सदन के सदस्यों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। पहली लोकसभा के सदस्य महाराजा कमल सिंह, एनसीपी के पूर्व सांसद देवी प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुन्नीलाल जी, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, लोकसभा के पूर्व सदस्य भाकपा नेता गुरुदास दास गुप्ता, सावना लकड़ा समेत अन्य के निधन पर शोक प्रकट किया गया। इसमें सीएम हेमंत सोरेन, सीपी सिंह, बाबूलाल मरांडी, आलमगीर आलम, विनोद सिंह, सत्यानंद भोक्ता ने शोक जताया। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्म की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
कामों को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट : सीपी
रांची। अनुपूरक को लेकर भाजपा के सीपी सिंह ने कहा कि जारी कामों को करने के लिए पैसों की कमी हो सकती है। उन कामों को पूरा करने के लिए ही अनुपूरक बजट लेकर आयी है सरकार।
न्याय के तराजू पर बराबर रहेगा पक्ष-विपक्ष का पलड़ा : रवींद्र
रांची। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा है कि सदन के बाहर की दुनिया में भले ही उनकी पहचान झामुमो के एक सदस्य के रूप में बनी रहेगी, लेकिन सदन के भीतर उनके लिए न्याय की तराजू पर पक्ष-प्रतिपक्ष दोनों का पलड़ा बराबर रहेगा। विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद तकनीकी रूप से झामुमो से उनकी राजनीतिक संबद्धता समाप्त हो गयी है। यह पद निष्पक्षता का पर्यायवाची है। संसदीय व्यवस्था के इस उच्च प्रतिमान के पालन का वचन उन्होंने सभी सदस्यों को दिया है। मंगलवार को सर्वसम्मति से विस अध्यक्ष चुने जाने के बाद रवींद्र नाथ महतो सदन को संबोधित कर रहे थे।
खुशी है झारखंड का नेतृत्व हेमंत जैसे युवा के हाथ में: विस अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज का झारखंड हेमंत सोरेन जैसे युवा नेतृत्व के हाथों में है। हेमंत सोरेन राज्य की जनता का अटूट विश्वास अर्जित करने में कामयाब हुए हैं। उनके नेतृत्व में इस राज्य का चतुर्दिक विकास होगा। अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस पद का दायित्व निर्वहन करने योग्य समझा गया। उन्होंने सभी को विश्वास दिलाया कि वह सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आभार जताया। सदन में हेमंत सोेरेन, सीपी सिंह, आलमगीर आलम, प्रदीप यादव, सुदेश महतो, विनोद सिंह, सत्यानंद भोक्ता, कमलेश सिंह, सरयू राय, राजेंद्र सिंह, बाबूलाल मरांडी और प्रो स्टीफन मरांडी ने अपने संबोधन में अध्यक्ष को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
जानिये रवींद्रनाथ महतो को
रवींद्रनाथ महतो का जन्म 12 जनवरी 1960 को हुआ। इनका पैतृक गांव मोहजोरी खमार में है, जो नाला प्रखंड के अंतर्गत आता है। वर्तमान में पाटनपुर में रह रहे हैं, जो फतेहपुर प्रखंड के अंतर्गत आता है। रवींद्र महतो दो भाइयों में बड़े हैं। इनके छोटे भाई का नाम संजीव कुमार है, जो नाला डिग्री कॉलेज में केमिस्ट्री के लेक्चरर के पद पर कार्यरत हैं। इनके पिता शिक्षक थे, जिनका नाम गोलप बिहारी महतो है, इनकी मां रूपमंजरी देवी का देहांत हो चुका है। रवींद्रनाथ महतो कई विषयों के जानकार हैं। सदन में अच्छे वक्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं।
बायोसाइंस की पढ़ाई की है
उन्होंने एसपी कॉलेज दुमका से बीएससी की पढ़ाई बायोसाइंस में की है। बीएड की पढ़ाई बीपी कॉलेज आॅफ साइंस एंड एजुकेशन भुवनेश्वर से की है। रवींद्रनाथ महतो की पत्नी का नाम सरमा देवी है। इनकी दो संतान हैं। बेटे का नाम कुणाल है और बेटी का नाम प्रियंका है। शिबू सोरेन के अलग राज्य के आंदोलन को देख कर यह काफी प्रभावित हुए और विश्वविद्यालय से निकलने के बाद ही राजनीति में इनका प्रवेश हो गया। 1995 में पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया, लेकिन स्वायत्तशासी परिषद का मेंबर बनाया।
छह बार जेल जा चुके हैं
रवींद्र नाथ महतो छह बार जेल भी जा चुके हैं। इनकी सबसे लंबी जेल यात्रा 13 दिनों की रही, जहां यह आर्थिक नाकेबंदी के दौरान जामताड़ा जेल में बंद रहे। झारखंड मुक्ति मोर्चा में अपने शुरुआती दिनों से ही वह जुड़े रहे। पार्टी ने 2000 के विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट दिया, लेकिन यह विश्वेश्वर खान से 500 वोटों से चुनाव हार गये। 2005 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीत कर रवींद्र महतो सदन पहुंचे। 2009 में एक बार फिर इन्हें हार का सामना करना पड़ा, 2014 और 2019 दोनों बार लगातार फिर से इन्होंने चुनाव जीता और इस बार विधानसभा अध्यक्ष बने।