केंद्रीय कार्यसमिति के गठन के बाद शुरू होगी विलय की प्रक्रिया
रांची। तारीख और वक्त तय होना भले बाकी है, लेकिन यह तय है कि झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी भाजपा में जायेंगे। झारखंड विकास मोर्चा की केंद्रीय कार्यसमिति के गठन के बाद बाबूलाल भाजपा में पार्टी के विलय की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह पक्की खबर है कि बाबूलाल मरांडी की भाजपा आलाकमान से बातचीत फाइनल हो चुकी है, हालांकि गुरुवार को पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने साफ तौर खुल कर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इधर, बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने की खबरों के बीच झाविमो के केंद्रीय कार्यालय में दिनभर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा रहा। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग उन्हें कुरेदते रहे, पर बाबूलाल ने कुछ भी साफ नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे अखबारों और टीवी चैनलों में ऐसी चर्चाएं सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वह क्षेत्र में नहीं गये हैं और शुक्रवार को वह अपने विधानसभा क्षेत्र धनवार जायेंगे और क्षेत्र की जनता का आभार प्रकट करेंगे।
बाबूलाल ने पत्रकारों के सवालों पर कहा कि भाजपा में उनकी किसी से बात नहीं हुई है। भाजपा ही नहीं, दूसरे दलों में भी उनके जाने की बात कई बार उठी है। जब बात पक्की हो जायेगी, तो सबको सूचना दे दी जायेगी।
प्रदीप और बंधु को मनाने की कोशिश
भाजपा में झाविमो का विलय कराने को तैयार बाबूलाल मरांडी पहले पार्टी विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदीप यादव भाजपा में एक ही शर्त पर जायेंगे, जब उन्हें पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद मिले। वहीं बंधु तिर्की किसी भी कीमत पर भाजपा में नहीं जाना चाहते। उनकी मंशा कांग्रेस में जाने की है और इसके लिए वे मन भी बना चुके हैं। राजनीति के गलियारे में चर्चा है कि विलय से पहले बाबूलाल हेमंत सरकार से अपना समर्थन वापस लेंगे। कहा जा रहा है कि वे भाजपा में बिना कोई पद लिये ही जायेंगे। हालांकि भाजपा आलाकमान उन्हें पार्टी के विधायक दल का नेता या फिर प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका देने को तैयार है। यही कारण है कि भाजपा में विधायक दल के नेता का चयन अब तक नहीं किया गया है और न ही पार्टी के विधायकों की बैठक ही हुई है। झाविमो के भाजपा में विलय के बाद ही भाजपा के विधायकों की बैठक होने की संभावना है।