हजारीबाग। अफसरशाही के गुरुर में हजारीबाग की डीडीसी मैडम विजया जाधव ने हाइपर डायबिटीज से पीड़ित मरीज सुंदर दास को इस कदर पीटा है कि उसकी जिंदगी खतरे में पड़ गयी है। सुंदर दास कोडरमा के उरवां गांव के रहने वाले हैं। वह डॉक्टर से इलाज कराने के बाद घर लौट रहे थे, तब अचानक पेशाब आने की वजह से एनएच-33 के किनारे बैठना पड़ा। यह जगह डीडीसी आवास के पास है। डीडीसी विजया जाधव को यह नागवार गुजरा और वह खुद डंडा लेकर सुंदर दास की पिटाई करने लगीं। सुंदर सड़क पर गिरकर बेहोश हो गये। उनके मुंह और नाक से खून बहने लगा। सुंदर दास की पत्नी अपने पति को बख्श देने की गुहार लगाती रही, पर डीडीसी नहीं पसीजीं। हालांकि बाद में पुलिस ने मरीज को आरोग्यम अस्पताल में दाखिल कराया है।
घटना गुरुवार की शाम करीब 4.45 बजे की है। मरीज सुंदर दास की पत्नी की चीख-पुकार सुन बड़ी संख्या में लोग वहां जमा हो गये। इससे कुछ देर के लिए एनएच-33 जाम हो गया।
घटना स्थल पर मौजूद मरीज के बहनोई रामदेव दास ने बताया कि वे लोग सुंदर दास को डॉ अनवर एकराम से दिखाने हजारीबाग आये थे। डायबिटीज की वजह से उन्हें बार-बार पेशाब लग जाती है। वह सड़क के किनारे बैठे ही थे कि डीडीसी अचानक बगैर कुछ कहे-पूछे उन्हें पीटने लगीं। सुंदर दास की पत्नी ने कहा कि वह डीडीसी से आग्रह करती रही कि उसके पति बीमार हैं। फिर भी वह पीटती रहीं। वह आॅफिसर हैं तो क्या किसी की जान ले लेंगी? सुंदर दास की पत्नी ने कहा कि मैं डीडीसी पर मुकदमा दर्ज कराऊंगी। अगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, तो मैं मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगी। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वह गरीब हैं और इतने बड़े अधिकारी से कैसे लड़ सकती हैं। बस उनका पति किसी तरह स्वस्थ हो जाएं, उन्हें और कुछ नहीं चाहिए।
मैंने किसी की पिटाई नहीं की : डीडीसी
डीडीसी विजया जाधव ने पूछे जाने पर कहा कि मैंने किसी को नहीं पीटा है। जिस व्यक्ति के बारे में पिटाई का आरोप लगाया जा रहा है, वह भागने के क्रम में गिरा। दरअसल वहां तीन बसें लगी हुई थीं। उनके गार्ड जाम हटाने के लिए वाहनों को आगे बढ़ने की बात कह रहे थे। इसी क्रम में वहां अफरातफरी मच गयी। उस दौरान वह व्यक्ति दीवार के पास खुले में शौच कर रहा था। भगदड़ देखकर वह भागने लगा। उसे गार्ड ने रोका, तो और तेजी से भागने लगा और इस क्रम में वह रोड पर गिर गया। उन्होंने किसी को भी न डंडा, न थप्पड़ से पिटाई की है। उनपर पिटाई करने का बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। प्रशासनिक पदाधिकारी होने के नाते उनके सामने सड़क जाम लगी थी, तो उसे हटवाना उनका दायित्व था। उसके बाद उसने घायल व्यक्ति को पुलिस भेजकर आरोग्यम में इलाज कराया जा रहा है। उसकी तबीयत के बारे में अस्पताल प्रबंधन से उन्होंने जानकारी भी ली।
डीडीसी आवास के बाहर शौचालय का हाल-बेहाल
डीडीसी और डीएसई आॅफिस के बाहर बना सरकारी शौचालय बीमारी का घर है। वह इतना गंदा है कि लोग अगर उसमें शौच करने जायें, तो पता नहीं किन बीमारियों का शिकार हो जायें। शौचालय की बदबू से लोगों का वहां खड़ा रहना भी मुश्किल है। इस जगह पर कोडरमा, बरही, पदमा, ईटखोरी आदि के यात्री बड़ी संख्या में वाहनों का इंतजार करते हैं। अक्सर लोग वहां शौच के लिए जाते हैं, जहां उरवां निवासी सुंदर भी गया था। गंदे शौचालय के बारे में डीडीसी ने कहा कि वहां कुछ स्वीपर को लगाकर सफाई करायेंगी और उन स्वीपरों को ही शौचालय की देखरेख का जिम्मा दे दिया जायेगा।
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