रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में रघुवर दास को हराकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुए भाजपा के बागी और पूर्व मंत्री सरयू राय राज्य के महाधिवक्ता अजीत कुमार के खिलाफ मुकदमा करेंगे। इस सिलसिले में वह मंगलवार को दिल्ली में डॉ सुब्रमण्यम स्वामी समेत वरीय अधिवक्ताओं से मुलाकात कर विमर्श करेंगे। इसके लिए वह दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में महाधिवक्ता की शह पर झारखंड बार काउंसिल में मेरे विरूद्ध पारित निंदा प्रस्ताव पर अब कानूनी लड़ाई निश्चित है। सरयू राय के इस बयान के बाद चर्चा का बाजार गर्म है। सरयू राय 2019 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से उभर कर सामने आये हैं, उससे उनसे जुड़ी हर बात को राजनीतिक गलियारों में गंभीरता से लिया जाने लगा है।

क्या है विवाद की वजह, क्यों राय के निशाने पर हैं महाधिवक्ता
23 नवंबर को झारखंड बार काउंसिल की एक बैठक हुई थी। इसमें बतौर बार काउंसिल अध्यक्ष महाधिवक्ता अजीत कुमार ने सरयू राय के एक बयान को लेकर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कराया था। इसके बाद से सरयू राय लगातार इसका विरोध करते रहे। उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी की थी। साथ ही बार काउंसिल को भी चिट्ठी लिखी थी। सरयू राय ने कैबिनेट की बैठक में इस बात को उठाया था। लेकिन सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद सरयू राय ने बार काउंसिल को चिट्ठी लिखकर निंदा प्रस्ताव के पारित होने पर ऐतराज जताया था। उन्होंने लिखा था कि बार काउंसिल के अध्यक्ष ने महाधिवक्ता के कंडक्ट को लेकर बैठक कैसे आहूत की, जिसमें दोनों व्यक्ति एक ही थे। उन्होंने अपना दूसरा सवाल पूछा था कि क्या बैठक में मौजूद सदस्यों के सामने बैठक से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे। महाधिवक्ता द्वारा एकतरफा बातें बैठक में रखी गयीं। 23 नवंबर की बैठक में महाधिवक्ता की ओर से रखी गयी बातों पर काउंसिल के सदस्यों द्वारा सहमति दी गयी।

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