अजय शर्मा
रजरप्पा। मां छिन्नमस्तिका मंदिर के आस-पास का माहौल गुरुवार को बदला-बदला नजर आ रहा था। मंदिर के पास स्थित सरना स्थल पर ढोल-नगाड़ा बज रहा था। मंदिर परिसर के आस-पास तमाम इलाकों में सुबह ही सफाई कर दी गयी थी। सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन भारी संख्या में नहीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यहां आना था। लोग उत्साहित थे।
सीएम परिवार के साथ मत्था टेकने पहुंचे। एकदम आम जन की तरह। पांव में स्लीपर पहने थे। गार्ड आॅफ आॅनर लेते वक्त भी साधारण वेषभूषा में थे। लग नहीं रहा था कि यह व्यक्ति झारखंड का मुख्यमंत्री है। हर किसी से मिलना, सेल्फी देना, हाथ मिलाना, हालचाल पूछना। पहली बार रजरप्पा वासियों ने किसी मुख्यमंत्री को इस रूप में देखा। यहां तो बराबर सीएम आते-जाते रहे हैं। लेकिन हेमंत के आने से जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ, लोग उत्साहित थे। सुरक्षा का ऐसा लाव-लश्कर नहीं कि किसी को परेशान होना पड़े। दुकानें आम दिनों की तरह खुली थीं। मुख्यमंत्री सबसे पहले सरना स्थल पर पहुंचे। यह आदिवासियों के कुल देवता का स्थान माना जाता है।

यहां लोगों ने मुख्यमंत्री की अगवानी की। सीएम ने सरना स्थल पर बैठकर पूजा की। कई लोग तीर-धनुष लेकर बाहर खड़े थे। तीर-धनुष झामुमो का चुनाव चिह्न भी है। इसके बाद मुख्यमंत्री रजरप्पा मंदिर परिसर पहुंचे। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन, पिता शिबू सोरेन, मां रूपी सोरेन, भाभी सीता सोरेन और अन्य रिश्तेदार भी थे। पूजा करने के बाद सीएम उस स्थान पर भी गये, जहां पत्थर बांध कर मन्नत मांगी जाती है। मुख्यमंत्री ने भी वहां पत्थर बांधा। सीएम ने कहा कि मां का आशीर्वाद और ध्यान हर भक्त पर रहता है।

जनता का अपार स्नेह उन्हें मिला। कहा: मां से मिन्नत की कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतर सकूं। झारखंड की दशा और दिशा बदले, इसके लिए पूरी इच्छाशक्ति के साथ काम करूंगा। सरकार झारखंड में रहनेवाले हर व्यक्ति का ध्यान रखेगी। सरकार को कड़े फैसले भी लेने होंगे तो गुरेज नहीं करेंगे। सीएम ने कहा कि साल की शुरुआत में मत्था टेककर मां का आशीर्वाद लेने आया हूं। मंदिर परिसर से ही सीएम ने पुजारियों से पूछा कि पीछे क्या काम हो रहा है। एक पुजारी ने उन्हें विस्तार से पूरी जानकारी दी।

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