रांची। विधानसभा चुनाव के दौरान नौ जनवरी को खेलगांव स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में हुई घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के बाद झारखंड पुलिस के आइजी नवीन कुमार सिंह द्वारा दिये गये बयान पर सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने घोर आपत्ति जतायी है। उन्होंने आइजी को अपने अधिवक्ता के माध्यम से लीगल नोटिस भेज कर बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। इस तरह इस मामले को लेकर सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस आमने-सामने हो गयी है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिनव गर्ग द्वारा 31 दिसंबर को भेजे गये लीगल नोटिस में कहा गया है कि चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की गोल्फ/222 कंपनी के 80 जवानों की सुरक्षा से आइजी ने समझौता किया और उनके कमांडर की निजी जानकारी को सार्वजनिक किया। इतना ही नहीं, खेलगांव में हुई घटना की जांच भी गलत तरीके से की गयी और झूठी रिपोर्ट दी गयी। इसके कारण सीआरपीएफ को कई कंपनी कमांडरों को आनन-फानन में बदलना पड़ा। इससे अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ा और सीआरपीएफ की आंतरिक प्रशासनिक व्यवस्था में गतिरोध पैदा हुआ।
लीगल नोटिस में कहा गया है कि सहायक कमांडेंट द्वारा वरीय अधिकारियों को परेशानी की सूचना देने के बाद स्थानीय पुलिस ने अपने स्तर से जांच करायी। जांच में सामने आया कि सारे आरोप गलत हैं। साथ ही आरोप लगाया गया कि परेशानियों के लिए सीआरपीएफ के कमांडेंट ने किसी भी संबंधित पुलिस अधिकारी से संपर्क नहीं किया। रिपोर्ट में सहायक कमांडेंट को स्थानीय होटल के कमरे में ठहराये जाने की बात कही गयी थी, जिसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। इस पूरे मामले को लेकर मीडिया में खबर भी आयी, जिस पर राहुल सोलंकी की तरफ से आरोप लगाया गया कि मीडिया को गलत जानकारी देकर खबर भी प्रकाशित करायी गयी। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि सीआरपीएफ अधिकारी की निजी जानकारी भी सार्वजनिक की गयी, जो अनुचित और स्थापित परिपाटी के विपरीत है। लीगल नोटिस में कहा गया है कि सेना के सुरक्षा संबंधी दस्तावेज के अनुसार कमांडर को टारगेट करना पूरी टुकड़ी को टारगेट करने के बराबर है। साथ ही ऐसा करना भारतीय संविधान के आर्टिकल 324 का उल्लंघन है।
नोटिस में कहा गया है कि आइजी नवीन कुमार सिंह द्वारा मीडिया हाउस को गलत जानकारी देने की वजह से सहायक कमांडेंट को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस वजह से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हुए। उनका परिवार भी मानसिक रूप से काफी परेशान रहा।

सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस आमने-सामने
विधानसभा चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की बटालियन 222 के जवान असिस्टेंट कमांडेंट राहुल सोलंकी के नेतृत्व में ड्यूटी पर तैनात थे। पहले और दूसरे चरण का चुनाव कराने के बाद पलामू और चाईबासा से सीआरपीएफ की टुकड़ी आठ दिसंबर को रांची के खेलगांव में पहुंची। चुनावी ड्यूटी के दौरान सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने यह आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस की वजह से टुकड़ी के जवानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आरोप था कि पुलिस की तरफ से पीने के लिए जवानों को जो वाटर कैनन का पानी दिया गया था, जो बदबूदार और लाल रंग का था। जवानों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं की गयी थी। इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की गयी थी। झारखंड पुलिस के अधिकारियों ने शिकायत की जांच की थी, लेकिन सीआरपीएफ के आरोपों को गलत बता दिया था। नौ जनवरी को सुबह छह बजे उसी कांप्लेक्स में आपसी विवाद में गोलीबारी हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के एक कंपनी कमांडर और एक जवान की मौत हो गयी।

अब तक नोटिस नहीं मिला है : साकेत सिंह
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता साकेत कुमार सिंह ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय को कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने पर देखा जायेगा।

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