रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार शाम को दिल्ली चले गये। वह शनिवार को दिन में 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत की यह दूसरी दिल्ली यात्रा है। पहली यात्रा में उन्होंने राष्टÑपति और पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। पीएम से मुलाकात नहीं हो पायी थी। उन्होंने पीएम से मिलने का समय मांगा था। इस पर उन्हें 11 जनवरी का समय दिया गया है। सीएम शनिवार शाम को रांची लौटेंगे। इसके बाद वह रविवार को संभवत: फिर दिल्ली जायेंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने झारखंड की मांगों से संबंधित तथ्य प्रस्तुत करेंगे। राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने के अलावा सीएम की ओर से झारखंड के विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग उठाये जाने की संभावना है।
जानकार सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने साथ मांगों की पोटली लेकर गये हैं। इन मागों में झारखंड की बदहाल अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अबाधित केंद्रीय सहायता की मांग भी शामिल है। इसके अलावा केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी का समय से भुगतान और इस ओर विशेष ध्यान दिये जाने की बात भी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की बदहाल अर्थव्यवस्था की ओर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करा सकते हैं। सीएम विधानसभा में घोषणा कर चुके हैं कि वह राज्य की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करेंगे। उनकी कैबिनेट के मंत्रियों, आलमगीर आलम और डॉ रामेश्वर उरांव के अलावा निर्दलीय विधायक सरयू राय राज्य का खजाना खाली होने की बात कह चुके हैं।
दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात सकारात्मक होगी। चुनाव खत्म हो गया है और अब काम करने का समय आ गया है। इसलिए अब राजनीति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी पार्टी का नहीं होता, बल्कि देश और राज्य का होता है। राज्य और इसके लोगों के विकास के लिए हमारी सरकार केंद्र के साथ मिल कर काम करेगी।
इससे पहले भी हेमंत सोरेन कह चुके हैं कि उनकी सरकार केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करेगी। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार झारखंड के विकास का रोडमैप केंद्र सरकार के सामने रखेगी। उनकी सरकार का उद्देश्य झारखंडका विकास है और पूर्व की सरकारों के अच्छे कार्यों को जारी रखेगी। बदले की भावना से कोई फैसला नहीं किया जायेगा।
दिन भर मिलनेवालों का लगा रहा तांता, किसी को निराश नहीं किया मुख्यमंत्री ने
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का शुक्रवार का दिन बेहद व्यस्त रहा। वह सुबह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ राजभवन गये और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इसके बाद वह अपने आवास लौटे और दिन भर राज्य के विभिन्न इलाकों से मिलने आये लोगों से मिलते रहे। सीएम से मिलने और उन्हें आशीर्वाद-शुभकामनाएं देनेवाले लोगों का तांता लगा रहा। सीएम हेमंत सोरेन ने किसी को निराश नहीं किया और हर व्यक्ति से गर्मजोशी से मिले, उनकी बातों को ध्यान से सुना। सीएम से मिलने आये गुमला के मुस्तफा खान ने बताया कि वह इससे पहले 23 दिसंबर को भी रांची आये थे, लेकिन अचानक तबियत खराब होने के कारण वह सीएम से बिना मिले ही लौट गये थे। हेमंत से मिलनेवालों ने उन्हें किताबें भेंट की। कई लोगों ने उन्हें जनजातीय कलाकृतियां भी भेंट की। दुमका की मालती ने कहा कि वह हेमंत को आशीर्वाद देने आयी हैं, क्योंकि उनकी दुमका यात्रा के दौरान वह उनसे नहीं मिल सकी थीं। इधर सीएम आवास में तैनात पुलिसकर्मियों ने कहा कि यह उनके लिए एकदम नयी चीज है। लोग बिना किसी लाग-लपेट के सीएम से मिलते हैं और लौटते समय हेमंत सोरेन की सादगी और व्यवहारकुशलता की तारीफ करते नहीं थकते हैं।
दिल्ली में जमे कई कांग्रेसी, कैबिनेट गठन पर मंथन
रांची। झारखंड में कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के स्तर से अब तक कोई पहल नहीं हुई है, लेकिन सरकार की सहयोगी कांग्रेस के खेमे में गहमा-गहमी लगातार जारी है। जानकारी के अनुसार मंत्री बनने के लिए कई कांग्रेसी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। उम्मीद थी कि सीएम मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होगा। अब जानकारी मिल रही है कि हेमंत रविवार को दिल्ली जायेंगे और उस दिन उनका राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने का कार्यक्रम है। उस मुलाकात के दौरान प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह भी मौजूद रहेंगे। पहले सीएम ने सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष अभी दिल्ली में नहीं हैं। इसके अलावा उन्होंने झारखंड कैबिनेट के गठन के मुद्दे पर फैसला लेने के लिए राहुल-प्रियंका के साथ आरपीएन सिंह को अधिकृत कर दिया है। उन्होंने इसकी जानकारी हेमंत सोरेन को भी दे दी है। आरपीएन सिंह भी अभी दिल्ली में नहीं हैं, लेकिन उनके शनिवार रात तक लौटने की उम्मीद है। इधर झारखंड के कई कांग्रेसी 13 के बाद दिल्ली जायेंगे, क्योंकि कैबिनेट विस्तार खरमास (15 जनवरी) के बाद होने की संभावना है।