रांची। चतरा के टंडवा स्थित सीसीएल की मगध और आम्रपाली परियोजना से टेरर फंडिंग मामले में एनआइए ने बड़ी कार्रवाई की है। एनआइए ने इस मामले में कोयला व्यवसायी सुदेश केडिया और ट्रांसपोर्टर अजय उर्फ अजय सिंह को गिरफ्तार किया है। इन दोनों को शुक्रवार को यहां एनआइए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने इन दोनोें को 13 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सुदेश को रातू रोड से और अजय को चाईबासा से गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि एनआइए ने पिछले साल जनवरी में इस मामले के मास्टरमाइंड सुभान खान समेत 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) को लेवी के रूप में बड़ी रकम देने की पुष्टि हुई है।
क्या है टेरर फंडिंग का मामला
एनआइए की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि सीसीएल की मगध और आम्रपाली से कोयला ढुलाई में उग्रवादी संगठनों को लेवी दी जाती है। लेवी देने के लिए ही आरोपियों ने ऊंची दर पर मगध और आम्रपाली कोयला प्रोजेक्ट से कोयला ढुलाई का ठेका लिया था। जांच में यह खुलासा भी हुआ है कि छोटू सिंह ने मगध और आम्रपाली प्रोजेक्ट में कोयला ढुलाई का ठेका लिया है। उसने टीपीसी नेता आक्रमण उर्फ नेताजी की अनुशंसा पर ही यह ठेका लिया। साथ ही टीपीसी को लेवी के रूप में बड़ी राशि दी जाती थी।
एनआइए की जांच के दौरान कई स्थानों पर छापामारी भी की गयी थी और इस दौरान कोयला व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से पूछताछ की गयी थी। इसके बाद ही यह जांच आगे बढ़ी थी।
कई लोग बनाये गये थे आरोपी
एनआइए कोर्ट ने 23 अगस्त 2019 को इस मामले में आधुनिक पावर कंपनी के जीएम संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, सुभान खान, नक्सली विंदेश्वरी गंझू उर्फ बिंदू गंझू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, विनोद गंझू, मुनेश गंझू एवं बीरबल गंझू के खिलाफ आरोप गठित किया था। बता दें कि यह मामला लेवी वसूली से जुड़ा है। एनआइए ने टंडवा थाने में दर्ज कांड संख्या 22/18 को अपने हाथ में लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी चल रही है।

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