रांची। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण उरांव ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलिकेरा गांव में असामाजिक तत्वों के द्वारा सात निर्दोष आदिवासियों की नृशंस हत्या कर पूरे प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंकने का प्रयास किया है। अपने आप को आदिवासी और मूलवासी की हितैषी बताने वाली गठबंधन सरकार इस पूरे मामले पर लीलापोती के मोड में है। वह बुधवार को हरमू स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
अरुण उरांव ने कहा कि इस सरकार के गठन के 25वें दिन ही सात आदिवासियों का नरसंहार हुआ, जिससे पूरा प्रदेश स्तब्ध है। भाजपा इस नरसंहार की कड़ी निंदा करती है और राज्य सरकार से मांग करती है कि दोषियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाये।
राज्य की विधि-व्यवस्था चौपट: कोचे
राष्ट्रीय सचिव सह तोरपा विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि यह सरकार दिल्ली में दरबार लगाने में जुटी हुई है, जिससे राज्य की विधि व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ चुकी है। चाईबासा का यह वाकया पूरे प्रदेश की चरमरायी विधि व्यवस्था और असामाजिक तत्व एवं संगठनों के बढ़े हुए मनोबल को दर्शाता है और गठबंधन सरकार द्वारा इस जघन्य नरसंहार के बाद सिर्फ एक कमेटी बनाकर रस्म अदायगी करना राज्य के साथ एक भद्दा मजाक नहीं तो और क्या है।
पीड़ित परिवार को दस लाख मुआवजा दे सरकार: पाहन
अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार पाहन ने कहा कि राज्य में हुए इस नृशंस हत्याकांड से भाजपा सहित पूरा झारखंड आहत है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह मांग करती है कि राज्य सरकार अविलंब इस नरसंहार में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर पूरे प्रदेश में ऐसे अराजकतत्वों एवं संगठनों पर लगाम लगाने का कार्य करे। उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को कम से कम 10 लाख का मुआवजा राज्य सरकार द्वारा दिया जाये।
जेपी नड्डा ने छह सदस्यीय जांच कमेटी बनायी
रांची। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चाईबासा में सात आदिवासियों की हत्या की जांच को छह सदस्यीय कमेटी बनायी है। इसमें सांसद जसवंत सिंह भाभोर, राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, सांसद भारती पवार, गोमती साय, जोन बारला और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं। जेपी नड्डा ने इस जघन्य हत्याकांड पर गहरा दु:ख जताया है, साथ ही कमेटी से यह रिपोर्ट छह दिनों में तलब की है।