आसिफ रजा
चान्हो/रांची। चान्हो के बढ़िया बहरा टोली समेत पूरे इलाके में गुरुवार को मातम पसरा रहा। कारण पति-पत्नी की साथ मौत, दोनों की अंतिम यात्रा और फिर एक ही चिता पर दोनों की अंत्येष्टि रही। बहरा टोली निवासी सेना के जवान बजरंग भगत की मौत ड्यूटी के दौरान 29 दिसंबर को जम्मू में हो गयी। उनका पार्थिव शरीर बुधवार रात को गांव पहुंचा। पति के शव को देखते ही उनकी पत्नी मनीता उरांव बेसुध हो गयी। अहले सुबह पांच बजे वह घर के अहाते में स्थित कुएं में कूद गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी। इन दोनों की अंत्येष्टि गुुरुवार को एक साथ ही की गयी।
नववर्ष के पहले दिन गांव आया शव
बजरंग भगत का पार्थिव शरीर गुरुवार को पैतृक गांव पहुंचा था। वहां उनकी अंत्येष्टि सैनिक सम्मान से किये जाने की तैयारी की जा रही थी।
जम्मू में बिस्तर से गिर कर हुई बजरंग की मौत
बजरंग भगत रेजिमेंटल सेंटर नागपुर की यूनिट 17 में गार्ड थे। करीब तीन माह पहले उनकी पोस्टिंग जम्मू में हुई थी। यूनिट के सीओ कर्नल विजय सिंह ने फोन पर बताया कि सोने के दौरान बिस्तर से गिरने के कारण उनकी मौत हुई। हालांकि परिजनों ने कहा कि 29 दिसंबर की रात करीब 10 बजे बजरंग के मोबाइल पर बात हुई थी और सुबह आठ बजे अचानक फोन पर सूचना मिली कि बजरंग की मौत हो गयी है। इसके बाद घर में रोना शुरू हो गया।
दो साल पहले हुई थी शादी, बच्चा नहीं था
ग्रामीणों के मुताबिक दो साल पहले बजरंग और मनीता की शादी हुई थी। मनीता रातू की रहनेवाली थी। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे मनीता के परिजनों ने बजरंग की बहन और उसके पति बिस्वा उरांव पर हत्या का आरोप लगाया है। मृतका के परिजनों का कहना है कि बच्चा नहीं होने पर मनीता को उसकी ननद ताना देती रहती थी। इससे तंग आकर उसने जान दी है। बजरंग के पिता का निधन हो चुका है। पांच बहनों की शादी हो चुकी है। घर में उनकी बूढ़ी मां है। बजरंग 2012 में सेना में भर्ती हुए थे। इधर मौत की खबर सुनकर विधायक बंधु तिर्की, कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष सन्नी टोप्पो समेत कई नेताओं और समाजसेवियों ने बजरंग के घर पहुंचे और दंपति को श्रद्धांजलि दी।