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    Home»Jharkhand Top News»कोडरमा भाजपा की राजनीति में कभी भी हो सकता है बड़ा उलटफेर
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    कोडरमा भाजपा की राजनीति में कभी भी हो सकता है बड़ा उलटफेर

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJanuary 3, 2021No Comments5 Mins Read
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    संजीव
    रांची। विगत 2 साल में कोडरमा संसदीय क्षेत्र में राजनीति के बड़े बदलाव दिखे, जिसका असर प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ा। अब एक बार फिर कोडरमा संसदीय क्षेत्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर की संभावना बनती दिख रही है। दरअसल, राजद की प्रदेश अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में शामिल होने और कोडरमा से सांसद चुने जाने के बाद यहां विपक्ष को बड़ा झटका लगा था। पर अब वह स्थिति नहीं है। 2019 के विधानसभा चुनाव में विपक्ष की राजनीति में गहरा असर नहीं पड़ा और कोडरमा की 6 विधानसभा सीटों में से कोडरमा और जमुआ सीट ही भाजपा जीत सकी। बगोदर में भाकपा माले के विनोद सिंह, गांडेय में कांग्रेस से सरफराज अहमद, धनवार से झाविमो के बाबूलाल मरांडी, बरकट्ठा से निर्दलीय अमित यादव ने जीत हासिल की थी। कोडरमा में भाजपा की नीरा यादव को किसी तरह जीत मिली तो वहीं जमुआ में भाजपा के केदार हाजरा ने अपनी सीट बचा ली। चुनाव के बाद झाविमो से धनवार में जीते बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल होकर विधायक दल के नेता चुने गये हैं। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, सांसद के साथ ही पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव के इसी इलाके से होने के बाद भी लोगों में भाजपा का क्रेज कम होता दिख रहा है।
    भाजपा में सब कुछ नहीं है ठीक-ठाक
    कुछ महीने पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने सांगठनिक फेरबदल किया था और कोडरमा जिला अध्यक्ष के रूप में नितेश चंद्रवंशी को कमान सौंपी। इनके जिला अध्यक्ष बनने और जिला कमेटी की घोषणा के बाद से ही भाजपा में विद्रोह की आंच तेज हो गयी है। हाल ही में पार्टी की जिला मंत्री और कोडरमा नगर पंचायत की उपाध्यक्ष कुलवीर सलूजा ने इस्तीफा देकर पार्टी को अलविदा कह दिया है, वहीं झुमरीतिलैया के वार्ड पार्षद और अल्पसंख्यक चेहरा मोहम्मद शमीम भी पार्टी छोड़ आजसू में शामिल हो चुके हैं। विवाद के कारण भाजपा के मरकच्चो मंडल अध्यक्ष की घोषणा अब तक नहीं हो सकी है, जबकि डोमचांच मंडल अध्यक्ष की घोषणा के बाद से ही वहां के वरीय भाजपा कार्यकर्ता लगातार बैठक कर विरोध जता रहे हैं। इधर बरकट्ठा के पूर्व विधायक और 2019 में पार्टी प्रत्याशी रहे जानकी प्रसाद यादव भी संगठन के रवैये से खासे नाराज हैं। उन्होंने तो बकायदा समर्थकों के साथ बैठक कर संगठन के रवैये की आलोचना की है। वे इस बात से खासा नाराज हैं कि संगठन में ऐसे लोगों को अहम जिम्मेवारी दे दी गयी है जिन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा का खुलकर विरोध किया और पार्टी के खिलाफ काम किया। इनके अलावा रामचंद्र सिंह, साजिद हुसैन लल्लू, महेंद्र प्रसाद वर्मा, राजेश सिंह, वीरेंद्र सिंह, प्रभाकर लाल रावत, बीरेंद्र मोदी, संगीता सिन्हा, विजय साव, बालमुकुंद सिंह, प्रकाश साहा, देवेंद्र मेहता, बेदू साव, रामनाथ सिंह, प्रकाश पोद्दार, अखिल सिन्हा, विनय मोदी, सकलदेव सिंह जैसे कई नाम हैं जो पार्टी में काफी वरीय हैं परंतु संगठन में इनमें से कई लोग उपेक्षित हैं। यहां तक कि पार्टी के कार्यक्रमों में भी इन्हें तरजीह नहीं दी जाती है।
    सोशल मीडिया पर भी खूब है चर्चा
    फेसबुक, व्हाट्सएप समेत सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर कोडरमा की राजनीति की खूब चर्चा होती है। पिछले डेढ़ साल में सांसद अन्नपूर्णा देवी के कार्यकाल और एक साल में विधायकों के कार्यकाल पर खूब टीका टिप्पणी भी होती रहती है। फेसबुक पर कोडरमा का पॉलिटिक्स पेज है, जिस पर जिलाध्यक्ष के साथ ही सांसद, विधायक की कार्यशैली पर चर्चा की जाती है। पार्टी कार्यकर्ता भी सांसद और विधायक की उपलब्धि के नाम पर चुप रह जाते हैं। इधर अभी भाजयुमो के जिला अध्यक्ष के रूप में सूरज प्रताप मेहता को मनोनीत किया गया है, जिन्हें इसके पहले जिले में पार्टी के कार्यक्रमों में कभी नहीं देखा गया है। पार्टी में गुटबंदी भी खूब दिखती है, कार्यक्रमों में भी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति पर इसका असर देखने को मिलता है। हाल ही में हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में उपस्थिति काफी कम रही। कोडरमा संसदीय क्षेत्र में भाकपा माले, झामुमो, राजद, कांग्रेस के अलावा आजसू पार्टी ने अपनी सक्रियता बढ़ायी है। कोडरमा में एक बड़ा वर्ग शालिनी गुप्ता के साथ दिखता ह,ै जो अभी जिला परिषद अध्यक्ष के साथ ही आजसू पार्टी की संगठन सचिव हैं। भाजपा के साथ ही अन्य दलों के भी वर्तमान संगठन से वरीय लोगों और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दिखती है। ऐसे में यह कोई बड़ी बात नहीं होगी, जब यहां की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिले और बड़े दलों के लोग अपनी पार्टी को छोड़ दूसरे दलों में शामिल हो जायें।

    ंगिरिडीह का भी है हाल बेहाल
    कोडरमा संसदीय क्षेत्र की 4 विधानसभा सीट गांडेय, जमुआ, बगोदर और धनवार गिरिडीह जिले में आते हैं और यहां भी संगठन की स्थिति अच्छी नहीं है। गिरिडीह के जिला अध्यक्ष महादेव दुबे मनोनीत किये गये हैं, परंतु जिले में बाबुल गुप्ता, भागीरथ मंडल, अशोक गुप्ता, परमेश्वर मोदी, आशीष बॉर्डर, मनोज सिंह, राजेंद्र राय, रामदेव राय, प्रशांत जयसवाल, संजीत कुमार सिंह, अंजू सोनी, उदय कुमार सिंह सरीखे कई नेता अभी पार्टी में उपेक्षित हैं। हाल में मंडल अध्यक्षों के मनोनयन में विभिन्न स्तर पर पार्टी के वरीय नेताओं से उनकी कोई राय नहीं ली गयी।

    Koderma can be a big upset in BJP politics anytime
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