रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले सोमवार को हमला किया गया। यह हमला शाम छह बजे किशोरगंज चौक पर हुआ। हमलावर ओरमांझी में युवती की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। भीड़ में शामिल लोग हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। यही भीड़ पहले पुतला जलाती है और फिर सीएम के काफिले पर हमले की योजना भी बनाती है। किशोरगंज चौक पर हमलावर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। उन्होंने बैरिकेड को सड़क पर लाकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया था। इस दौरान भीड़ ने बवाल भी काटा। यह पूरी तरह से सुनियोजित हमला था और निशाने पर सीएम थे। इस दौरान पुलिसिया तंत्र फेल दिखा। शाम छह बजे जब मुख्यमंत्री के कारकेड के गुजरने के लिए ट्रैफिक वाहन की ओर से सड़क क्लीयर कराया जा रहा था, इसी दौरान किशोरगंज चौक पर भीड़ ने हमला बोल दिया। जिस वाहन पर हमला बोला गया, उससे 500 मीटर पीछे सीएम की गाड़ी थी, जो प्रोजेक्ट भवन से सीएम हाउस की ओर जा रही थी।
शाम में जैसे ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी एलर्ट हुए। ये सभी चौक के आसपास जमा हो गये। तभी कारकेड के जिस वाहन में गोंदा ट्रैफिक थाना प्रभारी नवल किशोर प्रसाद बैठे थे। इस वाहन को हमलावरों ने रोक दिया। थाना प्रभारी बाहर निकले, तो उन पर भीड़ ने हमला बोल दिया।
हमले में घायल थाना प्रभारी को मेडिका में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर करीब 40 मिनट तक भीड़ बवाल काटती रही। इस हमले में टैÑफिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री के काफिले को मोड़ दिया गया और सेवा सदन के रास्ते सीएम हाउस तक पहुंचाया गया।
घटना की सूचना मिलने के बाद आइजी अखिलेश झा, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, डीसी छवि रंजन और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
सुनियोजित षड़यंत्र तो नहीं : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला सुनियोजित षड़यंत्र का हिस्सा है। घटना पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है। बीच शहर में सीएम के कारकेड को रोका जाना छोटी घटना नहीं है। यह राज्य की कानून-व्यवस्था की भी पोल खोलती है। वीआइपी के ्रकाफिले को रोका जाना कोई मामूली बात नहीं है।
घटना की होगी जांच
इधर, पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिये गये हैं। किस स्तर पर चूक हुई है इसकी जांच की जायेगी। जांच टीम में कौन-कौन अधिकारी रहेंगे यह मंगलवार को तय होगा। जांच टीम को यह निर्देश दिया जायेगा कि वह जिम्मेवारी तय करनेवाली रिपोर्ट दें जिससे दोषियों पर कार्रवाई हो सके। टीम से तीन दिनों के भीतर ूिरपोर्ट मांंगी जायेगी। सरकार के स्तर पर इस घटना को गंभीरता से लिया गया है। हो सकता है कि भीड़ सीएम के वाहन तक पहुंच जाती। किशोरगंज की घटना मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक के रूप में देखा जा रहा है। किशोरगंज चौक के आसपास अगर लोग दिन से एकत्र थे और हमले की योजना बना रहे थे, तो इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होनी चाहिए थी।
हमला सुनियोजित षड्यंत्र : सुप्रियो
रांची। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि सीएम के कारकेड पर हमला एक सुनियोजित षडयंत्र है। ऐसा करके कानून को चुनौती दी गयी है। पुलिस के आलाधिकारी इसकी तफ्तीश कर रहे हैं। उन्हें ऐसे षडयंत्रकारियों से निपटना आता है। पुलिस पार्टी पर हमला कायराना कार्रवाई है। जिन्होंने ऐसी हरकत की है उन्हें अंजाम भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओें के खिलाफ अत्याचार बढ़ना चिंता का विषय है।